सिद्ध माता मंदिर का रास्ता बाघिन के दिखने से हुआ बंद, वन विभाग अलर्ट
बिलासपुर के अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया में बाघिन का मूवमेंट वीडियो में कैप्चर हुआ है। वन विभाग की ओर से जारी वीडियो में बाघिन रोड क्रॉस करते दिख रही है।
बिलासपुर के अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया में बाघिन का मूवमेंट वीडियो में कैप्चर हुआ है। वन विभाग की ओर से जारी वीडियो में बाघिन रोड क्रॉस करते दिख रही है। दहाड़ने की आवाज भी स्पष्ट सुनाई दे रही है। बाघिन का लगातार आसपास के इलाकों में भटक रही है। जंगल को छोड़कर वो गांव और पर्यटन स्थल के करीब पहुंच रही है। दो दिन से उसे बेलगहना वन परिक्षेत्र के खोंगसरा और भनवारटंक इलाके में देखा गया है।
जिसके चलते वन विभाग ने आसपास के लोगों के साथ ही मरहीमाता जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अलर्ट किया गया है। दरअसल, करीब दो महीने पहले विभाग ने बाघिन को चिरमिरी के जंगल से रेस्क्यू किया था। उसमें जीपीएस सिस्टम के साथ कालर आईडी लगाकर अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया था।
जिससे उसके मूवमेंट का पता लगाया जा सके। वन विभाग के अफसर उसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। यह बाघिन एटीआर के जंगल में लगातार अपनी जगह बदल रही है। उसके मूवमेंट को देखकर वन विभाग के अफसर चिंतित हैं। क्योंकि, गांव और पर्यटन स्थल पर जाने से आम लोगों के लिए खतरा हो सकता है।
शनिवार को आसपास के इलाकों में मुनादी भी कराई गई। जिसमें लोगों को जंगल नहीं जाने की सलाह दी गई। साथ ही मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सतर्कता रखने और मंदिर के अलावा कहीं आसपास नहीं जाने का भी आग्रह किया गया था। जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने और वन्यजीवों को किसी प्रकार का व्यवधान नहीं पहुंचाने की चेतावनी दी गई थी। भनवारटंक में मंदिर के अलावा आसपास भ्रमण केंद्र भी है।
मरहीमाता रास्ते को कराया बंद
2025 की शुरआत में नए साल के अवसर पर मरहीमाता के दर्शन के लिए श्राद्धलुओं की भीड़ उमड़ रही है। इस वजह से अचानकमार टाइगर रिज़र्व रास्ते से कई भक्त गुजरते हैं। बाघिन के दिखने के कारण फिलहाल इस रास्ते में पर्यटकों के जाने पर रोक लगा दिया गया है। वहीं इलाके की निगरानी वन विभाग कर रही है।
बाघिन कहां देखी गई है और उसका मूवमेंट क्यों चिंताजनक है?
बाघिन को बेलगहना वन परिक्षेत्र के खोंगसरा और भनवारटंक इलाकों में देखा गया है। यह क्षेत्र गांवों और पर्यटन स्थलों के करीब है। इसका जंगल छोड़कर मानव बस्तियों और धार्मिक स्थलों के आसपास भटकना वन्यजीवों और मानव सुरक्षा के लिए खतरा है।
बाघिन को ट्रैक करने और उसकी निगरानी के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
रेस्क्यू और जीपीएस कालर: बाघिन को दो महीने पहले चिरमिरी जंगल से रेस्क्यू कर अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया था। उसके मूवमेंट की निगरानी के लिए जीपीएस सिस्टम के साथ कालर आईडी लगाई गई है।