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छत्तीसगढ़ में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच बिलासपुर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। ऑनलाइन साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल होने वाले फर्जी बैंक खातों (म्यूल अकाउंट्स) के खिलाफ की गई कार्रवाई में पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन खातों का इस्तेमाल डिजिटल ठगी, फर्जी ट्रेडिंग ऐप और टेलीग्राम टास्क जैसे हाई-टेक साइबर अपराधों में किया जा रहा था। पुलिस ने खुलासा किया है कि इस नेटवर्क के जरिए कुल ₹1 करोड़ 30 लाख 50 हजार 636 की आर्थिक धोखाधड़ी की गई है।
यह कार्रवाई रेंज साइबर थाना बिलासपुर और एसीसीयू बिलासपुर की संयुक्त टीम द्वारा तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर की गई। पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में यह पूरा ऑपरेशन अंजाम दिया गया।
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ऐसे खुला फर्जीवाड़े का राज
नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज हुई कई शिकायतों के बाद, पुलिस ने संदिग्ध म्यूल अकाउंट्स की जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि इन खातों का प्रयोग निम्नलिखित तरीकों से किया गया, फर्जी शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टोकरेंसी ऐप्स के जरिए निवेश का लालच देकर ठगी। गूगल रिव्यू टास्क और टेलीग्राम टास्क के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठना। बैंक KYC अपडेट और गूगल सर्च लिंक के जरिये यूजर्स को फंसाना। डिजिटल अरेस्ट स्कैम, जहां पीड़ितों को कानूनी कार्रवाई से डराकर पैसे ऐंठे जाते थे।
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गिरफ्तार हुए आरोपी
अब्दूल आदिल (21) – तालापारा, बिलासपुर
संदीप श्रीवास (30) – तिफरा, बिलासपुर
विकास केंवट (31) – रतनपुर
समीर कश्यप (31) – रतनपुर
कलेश कुमार धिवर (28) – रतनपुर
नागेश्वर ठाकूर (25) – सिरगिट्टी
करन सिंह ठाकूर (33) – सिरगिट्टी
परमेश्वर जायसवाल (21) – हिर्री माइंस
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क्या हैं म्यूल अकाउंट्स?
म्यूल अकाउंट्स ऐसे बैंक खाते होते हैं जो दूसरे लोगों के नाम पर खोले जाते हैं और अपराधियों द्वारा साइबर फ्रॉड में उपयोग किए जाते हैं। इन खातों के जरिए ठगी की रकम को इधर-उधर ट्रांसफर कर ट्रेसिंग से बचने की कोशिश की जाती है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब इन खातों से जुड़े पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गई है। इसमें यह देखा जाएगा कि इन म्यूल अकाउंट्स के पीछे कोई बड़ा गैंग या अंतरराज्यीय सिंडिकेट तो नहीं है। साथ ही आम लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे अपने बैंक खातों की जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति को न दें और किसी भी अनजाने लिंक या कॉल पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
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