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छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही है। अब तक राजधानी व बड़े शहरों के निजी व सरकारी अस्पतालों से शिकायतें सामने आती थी लेकिन, इस बार स्वास्थ्य मंत्री के इलाके से ही बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्री के इलाके में व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि लोग मरीज को खाट पर लिटाकर अस्पताल पहुंचा रहे हैं। वहीं कई मरीजों को इलाज भी नसीब नहीं हो रहा है।
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गर्भवती महिला के लिए एम्बुलेंस तक नहीं...
एक तरफ जहां स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के गृह जिले मनेंद्रगढ़ में खाट पर लिटाकर मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं दूसरी ओर सरगुजा में गर्भवती महिला के लिए एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं हो पाई। एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण गर्भवती महिला को परिजन 7 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाए।
खाट पर मरीज को ले गए अस्पताल, कई घंटों तक नहीं हुआ इलाज
दरअसल, मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के छिपछिपी गांव की एक घायल महिला रोहिणी प्रसाद की हालत गंभीर थी। एंबुलेंस सेवा नहीं मिलने की वजह से परिजन उसे खाट पर लिटाकर ही मनेन्द्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। इस दौरान परिजनों को महिला के इलाज के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। अस्पताल की बदहाली ऐसी थी कि 16 घंटे बाद भी महिला को इलाज नसीब नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि बैलों की लड़ाई के चलते महिला का पैर टूट गया था। अंत में महिला के पैर का एक्स-रे नहीं हो पाया।
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गर्भवती महिला को नहीं मिली एम्बुलेंस
ऐसा ही हाल सरगुजा में देखने को मिला जहां गर्भवती महिला को कांवड़ पर ढोकर ग्रामीण 7 किलोमीटर पैदल चले। महिला को कुन्नी अस्पताल लाया गया, जहां उसका प्रसव हुआ। स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। यह पूरा मामला सरगुजा जिले के लखनपुर क्षेत्र का है। सड़क मार्ग नहीं होने के कारण यहां कई गांव और टोले पहुंचविहीन हैं।
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