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urban body election bjp : छत्तीसगढ़ में हो रहे नगरीय निकाय चुनाव विष्णु सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गए हैं। पिछले चुनाव में इन नगर निगमों में कांग्रेस के मेयर थे। इस बार सरकार इन सभी निगमों में बीजेपी की जीत का झंडा फहराना चाहती है। बीजेपी के सामने कांग्रेस से यह निगम छीनने की बड़ी चुनौती है।
यही कारण है कि बीजेपी ने मेयर जिताने के लिए ऐसे नेताओं को जिम्मा सौंपा है जो मंत्री पद के दावेदार हैं। संगठन ने मंत्री के तीन पद के लिए 7 दावेदार विधायकों को निगम चुनावों में परफॉर्मेंस का टास्क दे दिया है। इतना ही नहीं पांच मंत्रियों को भी मेयर जिताने का जिम्मा देकर अपने नंबर बढ़ाने को कहा गया है। इन चुनावों के बाद विष्णु मंत्रिमंडल का विस्तार होना है और संगठन के सामने निकाय चुनाव जीतकर दिल्ली में अपना कद बढ़ाने का टारगेट है।
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निकाय चुनाव बने नाक का सवाल
छत्तीसगढ़ में 14 नगर निगम हैँ जिनमें से 10 नगर निगमों में चुनाव हो रहे हैं। पिछली बार इन नगर निगमों पर कांग्रेस का कब्जा था यानी कि इनमें कांग्रेस के मेयर बैठे थे। उस समय सरकार कांग्रेस की थी और तत्कालीन सरकार ने पिछले दरवाजे से सभी निगमों में अपने मेयर बैठा दिए थे। सरकार ने नियमों में संशोधन कर मेयर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कर दिया था और पार्षदों का बहुमत हासिल अपने नेताओं को मेयर बना दिया था। अब सरकार बीजेपी की है।
सीएम विष्णुदेव साय के फिर नियम बदलकर मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली यानी जनता के वोट से कर दिया है। सीएम के सामने अब इन निगमों में अपने मेयर जिताकर अपनी लोकप्रियता और जनता का भरोसा साबित करने की बड़ी चुनौती है। इसी चुनौती से पार पाने सीएम ने उन दिग्गज नेताओं को अपने क्षेत्र की नगर निगम जिताने का जिम्मा दे दिया हे जो मंत्री पद के दावेदार हैं।
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7 विधायकों को मंत्रीपद का लॉलीपॉप
बीजेपी संगठन ने बड़ी चतुराई से नगर निगम जीतने का प्लान तैयार किया है। संगठन ने 7 ऐसे विधायक छांटे हैं जो मंत्रीपद के दावेदार हैं। इन विधायकों को निगम जिताने पर मंत्रीपद देने को कहा गया है। हालांकि मंत्रीपद की सीटें तीन हैं और उन पर बैठने वाले ज्यादा हैं। लिहाजा संगठन ने यह दांव खेला है। यही नहीं विधायकों से ये भी कहा गया है कि जो मंत्री नहीं बन पाएंगे उनको संगठन में अहम पद दिया जाएगा।
संगठन ने इन विधायकों से सिर्फ अपने अपने क्षेत्र में आने वाले निगम जिताने को कहा है। यानी उनके गृह जिले में निगम का मेयर जिताना है। मंत्रीपद के दावेदारों में शुमार राजेश मूणत रायपुर में तैनात किए गए हैं। अमर अग्रवाल भी कैबिनेट में आने की रेस में हैं, उनको बिलासपुर नगर निगम का मेयर जिताने की जिम्मेदारी दी है।
धमतरी के नतीजे मंत्री पद की दौड़ में शामिल अजय चंद्राकर के बारे में फैसला करेंगे। दुर्ग से विधायक गजेंद्र यादव ओबीसी फेस के रुप में कैबिनेट में जगह पाना चाहते हैं। उनको दुर्ग फतह करने में लगाया गया है। अंबिकापुर नगर निगम में विधायक राजेश अग्रवाल और प्रबोध मिंज को जिम्मा सौंपा गया है। चिरमिरी में विधायक भैयालाल रजवाड़े को चुनाव संचालन की जिम्मेदारी दी गई है।
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मंत्रियों के लिए नाक का सवाल
कैबिनेट विस्तार को देखते हुए मंत्रियों के लिए इन नगर निगम में परफॉर्म करना बेहद जरुरी हो गया है। विस्तार में कुछ मंत्रियों का पत्ता कटने की खबरें भी राजनीतिक गलियारों में खूब वायरल हो रही हैं। नगर निगम चुनाव में पांच मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है। यही नहीं मंत्रियों की सिफारिश पर उनके समर्थकों को टिकट देकर जीत की गारंटी भी ली गई है।
सीएम ने सभी को अपने अपने गृह जिले का जिम्मा सौंपा है। इससे जीत हार से यह तय हो जाएगा कि किस मंत्री का अपने क्षेत्र में कितना प्रभाव है। इन चुनावों में वोटर अपनी वोट से यह साबित करेगा कि वो सरकार से कितना खुश और कितना नाखुश है। एक_एक वोट सरकार की लोकप्रियता के तराजू पर रखा जाएगा। या तो वोट सरकार के पक्ष में पड़ेगा या फिर विपक्ष में। यानी सरकार के लिए यह लिटमस टेस्ट है। यह नतीजे यह भी साबित करेंगे कि आने वाले समय में होने वाला मंत्रिमंडल विस्तार का स्वरुप क्या रहेगा।
दुर्ग में डिप्टी सीएम विजय शर्मा को अपना प्रभाव दिखाना है। कोरबा से मंत्री लखनलाल देवांगन को अपनी लोकप्रियता साबित करनी है। चिरमिरी से मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल को अपनी स्वीकार्यता दिखाना जरुरी हो जाता है। जगदलपुर मंत्री केदार कश्यप और रायगढ़ मंत्री ओपी चौधरी की जनता में पैठ का प्रमाण देंगे।
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मेयर जिताने उतारी फौज
बीजेपी ने प्रतिष्ठा का सवाल बनाते हुए सभी दस नगर निगमों में मंत्री और विधायकों के अलावा दूसरे नेताओं की भी पूरी फौज उतारी है। पार्टी इस मामले में कोई जोखिम उठाना नहीं चाहती। वहीं बागी नेताओं से होने वाले नुकसान और नाराज नेताओं के भितरघात को रोकने के लिए भी संगठन के नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है।
इन नेताओं को इस निगम का जिम्मा
रायपुर : सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक राजेश मूणत,चंद्रशेखर साहू, सच्चिदानंद उपासने, श्रीचंद सुंदरानी
बिलासपुर : विधायक अमर अग्रवाल,विधायक धर्मजीत सिंह, रामदेव कुमावत,किशोर राव
दुर्ग : डिप्टी सीएम विजय शर्मा, विधायक गजेंद्र यादव,राजीव अग्रवाल, उषा टावरी,कांतिलाल बोथरा
कोरबा : मंत्री लखनलाल देवांगन, विकास रंजन मेहतो,ननकीराम कंवर, योगेश लांबा
अंबिकापुर : विधायक राजेश अग्रवाल, विधायक प्रबोध मिंज, प्रशांत त्रिपाठी,कमलभान सिंह, कर्ताराम अग्रवाल
चिरमिरी : मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल,विधायक भैयालाल रजवाड़े, अनिल केसरवानी, प्रेमकांत झा
धमतरी : विधायक अजय चंद्राकर, राजेंद्र शर्मा, इंदर चोपड़ा, कुंजलाल देवांगन, निर्मल बरड़िया
राजनांदगांव : अभिषेक सिंह, संतोष अग्रवाल, अशोक शर्मा, खूबचंद पारख
जगदलपुर : मंत्री केदार कश्यप,शरद अवस्थी, श्रीनिवास राव मद्दी,राजाराम तोड़ेम
रायगढ़ : ओपी चौधरी,विजय अग्रवाल,गुरुपाल सिंह भल्ला, गौतम अग्रवाल
निकाय चुनाव के बाद कैबिनेट विस्तार
नगरीय निकाय पंचायत चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार होगा। कुछ मंत्री हटाए जा सकते हैं तो कुछ नए जोड़े जाएंगे। अभी छत्तीसगढ़ में 10 मंत्री हैं। छत्तीसगढ़ में भी हरियाणा की तर्ज पर 13 मंत्री बनाए जाएंगे।
यानी सीएम समेत पूरा मंत्रिमंडल 14 सदस्यों का होगा। इस तरह तीन और मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल करने की गुंजाइश हो गई है। पहले 12 मंत्री होते थे अब इस बार 13 मंत्रियों का मंत्रिमंडल नजर आएगा। बीजेपी के अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक इस बार निकाय चुनाव का असर इस मंत्रिमंडल विस्तार में दिखाई देगा।