cold wave news : छत्तीसगढ़ में सर्दी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। हालांकि, राजधानी रायपुर में फिलहाल कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ रही है, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में कोल्ड वेव यानी शीत लहर जैसी हालत है।
मौसम विभाग ने भी इन क्षेत्रों में अगले कुछ दिन के लिए शीत लहर की चेतावनी जारी कर दी है। आइए, आपको बताते हैं कि शीत लहर क्या होती है और मौसम विभाग कैसे तय करता है कि शीत लहर चलने लगी है।
मौसम विभाग की ओर से सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर सहित दुर्ग संभाग के सभी जिलों में अगले चार दिन शीतलहर की चेतावनी है। अमूमन दिसंबर के पहले सप्ताह में शीतलहर जैसे हालात बनते हैं, लेकिन इस बार सर्द हवाओं के जल्दी आने के कारण नवंबर में ही पारा तेजी से गिरने लगा है।
मौसम के अनुसार समुद्रीय हवाओं के साथ आने वाली नमी फिलहाल रुकी हुई है। इस वजह से शीतलहरों के हालात बन रहे हैं। इसी के चलते कड़ाके की ठंड भी पड़ रही है। फिलहाल ठंड से राहत मिलने की उम्मीद से मौसम विभाग इनकार कर रहा है। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि सर्द हवाओं के आने का सिलसिला फिलहाल जारी रहेगा।
FAQ
शीत लहर कब चलती है ?
भारतीय मौसम विभाग यानी IMD अनुसार मैदानी इलाकों में शीत लहर तब आती है, जब अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है। हालांकि, पहाड़ी इलाकों में न्यूनतम तापमान 0 डिग्री सेल्सियस होने पर शीत लहर मानी जाती है।
भीषण शीत लहर या सीवियर कोल्ड वेव कब मानी जाती है ?
भारतीय मौसम विभाग यानी IMD अनुसार मैदानी इलाकों में जब अधिकतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है या न्यूनतम पारा 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है, तब भीषण शीत लहर या सीवियर कोल्ड वेव चलना माना जाता है।