/sootr/media/media_files/2025/09/19/political-parties-registration-2025-09-19-23-41-35.jpg)
Photograph: (thesootr)
11 अगस्त 2025 को, चुनाव आयोग ने पूरे देश के पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए 475 निष्क्रिय दलों को कारण बताओ नोटिस भेजे थे। इनमें मध्यप्रदेश के 23 दल शामिल थे।
इन दलों को एक महीने के अंदर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का नोटिस दिया गया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि पंजीकृत दल चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय हों और उनका कोई वित्तीय दस्तावेज भी प्रस्तुत हो।
23 दलों का पंजीकरण रद्द
आयोग ने जो 23 दलों का पंजीकरण निरस्त किया है, वे पिछले छह सालों में चुनावों में शामिल नहीं हुए थे और न ही उन्होंने चुनावी आय-व्यय का कोई ब्योरा प्रस्तुत किया था।
चुनाव आयोग ने इन दलों को पहले व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी दिया था, लेकिन वे कोई ठोस दस्तावेज या साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए, जिससे उनकी मान्यता निरस्त करने का कदम उठाया गया।
ये खबरें भी पढ़ें...
एमपी पुलिस भर्ती 2025 : ASI और सूबेदार पदों के लिए 500 पदों पर निकली भर्ती
ESB एमपी शिक्षक वर्ग 2 के 10758 पदों का रिजल्ट अब किसी भी समय, आखिरी साइन बाकी
निरस्त किए गए दलों की लिस्ट...
- आदिजन मुक्ति सेना, भोपाल
- अद्वैत ईशावाश्यम कांग्रेस, सतना
- अखिल दल भारतीय जन मोर्चा, भोपाल
- ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक पार्टी, भोपाल
- बहुजन संघर्ष दल, ग्वालियर
- भारतीय नवयुवक पार्टी, ग्वालियर
- भारतीय राष्ट्रीय मजदूर, ग्वालियर
- भारतीय अपना अधिकार पार्टी, ग्वालियर
- भारतीय जनयुग पार्टी, ग्वालियर
- भारतीय सामाजिक एकता पार्टी, रायसेन
- भारतीय श्रमिक सोशलिस्ट, सतना
- बृहत्तर भारत प्रजातंत्र सेवा पार्टी, पन्ना
- इकबाल पार्टी, भिंड
- मध्य प्रदेश नव निर्माण सेना, जबलपुर
- नेशनल वाइल्ड लाइफ पंचतत्व पार्टी, शाजापुर
- रहबर पार्टी, रायसेन
- प्रजातांत्रिक लोकराज्य पार्टी, रीवा
- राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्ष नव भारत पार्टी, जबलपुर
- राष्ट्रीय गरिमा पार्टी, भोपाल
- राष्ट्रीय महा जनशक्ति पार्टी, भिंड
- सर्वे भवंतु सुखिना पार्टी, सीधी
- द इंपीरियल पार्टी आफ इंडिया, इंदौर
- विश्व आदर्श भारत पार्टी, बड़वानी
इन दलों की चुनाव आयोग द्वारा मान्यता निरस्त ( registration canceled ) कर दी गई है क्योंकि इन दलों ने न तो किसी चुनाव में भाग लिया और न ही किसी वित्तीय रिपोर्ट का प्रस्तुत किया।
ये खबरें भी पढ़ें...
टीचर ट्रांसफर मामला : पहले आदेश को माना, अब सीनियरिटी की कर रहे मांग, HC ने खारिज की याचिका
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पहली बार एक साथ 10 स्पेशल बेंच, 4.80 लाख लंबित मामलों की सुनवाई होगी तेज
चुनाव आयोग के इस कदम के कारण
चुनाव आयोग का फैसला इसलिए भी है ताकि उन दलों को सक्रिय किया जा सके, जो चुनावी प्रक्रिया में कोई सक्रिय भागीदारी नहीं निभा रहे हैं। इससे चुनावी प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने का प्रयास किया गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल सक्रिय दल ही चुनावी प्रक्रिया में भाग लें।
दलों ने जवाब में नहीं दिए दस्तावेज
मध्यप्रदेश में राजनीतिक दल को चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस के बाद कई ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए आयोग के सामने दस्तावेज प्रस्तुत किए। हालांकि, 23 दलों ने कोई सटीक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया, जिसके कारण उनके पंजीकरण को रद्द कर दिया गया। चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया कि जिन दलों का कोई चुनावी इतिहास नहीं है और वे कानूनी रूप से सक्रिय नहीं हैं, वे चुनावी प्रक्रिया में शामिल न हों।
अन्य राज्य और दलों का भविष्य
यह निर्णय न केवल मध्यप्रदेश के लिए, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी प्रभावी हो सकता है। ऐसे कई दल जो लंबे समय से निष्क्रिय थे, उन्हें इस प्रकार के कारण बताओ नोटिस का सामना करना पड़ सकता है। इससे चुनावी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी और भविष्य में केवल सक्रिय दलों का ही चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना संभव होगा।