केंद्रीय कर्मचारियों को आठवां वेतनमान, एमपी में 7वें आयोग की सिफारिशों से दूर हैं कर्मचारी

केंद्र सरकार ने आठवे वेतन आयोग के गठन से अपने कर्मचारियों के वेतनमान में वृद्धि का रास्ता खोल दिया है जबकि राज्य के कर्मचारी पुराने वेतनमान की सिफारिशें पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। कई विभाग और निगम मंडलों में छठवे और सातवे वेतनमान का इंतजार है।

author-image
Sanjay Sharma
New Update
vetanmaan
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL. केंद्र सरकार द्वारा आठवे वेतन आयोग के गठन और वेतनमान रिवाइज होने की संभावनाओं से केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। वहीं प्रदेश के कर्मचारी भी इसे अपनी वेतनवृद्धि का रास्ता खुलने का जरिया मान रहे हैं। हालांकि राज्य में अब तक पूर्व के वेतन आयोगों की सिफारिशें अभी भी पूरी तरह लागू नहीं हुई है। इस वजह से लाखों कर्मचारियों के हित प्रभावित हो रहे हैं।

प्रदेश के कर्मचारी भी केंद्र सरकार की पहल पर राज्य में नए वेतनमान की प्रत्याशा में हैं। मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा आठवे वेतनमान की मंजूरी की चर्चाएं दिनभर प्रशासनिक गलियारों से लेकर कर्मचारी संगठनों में गरमाई रहीं। केंद्रीय वेतन आयोग की शर्तों की चर्चाओं के बीच मध्य प्रदेश के कर्मचारी भी राज्य सरकार से पुराने वेतन आयोगों की सिफारिशों की पूर्ति, पूर्व से अटके वेतनभत्ते और एरियर्स के भुगतान की उम्मीद लगाए बैठे हैं। 

आठवे वेतन आयोग के गठन और केंद्र सरकार द्वारा आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को दी गई मंजूरी से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कितना इजाफा होगा। प्रदेश के कर्मचारी जगत में केंद्रीय वेतन आयोग को लेकर कैसी चर्चाएं और उम्मीदें हैं।

द सूत्र ने प्रदेश के कर्मचारियों से इसको लेकर बातचीत की है। कर्मचारी जगत में केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की क्या हलचल है इसको लेकर वित्त विभाग के जानकारों की प्रतिक्रियाएं भी द सूत्र ने जुटाई हैं। नया वेतन आयोग और उसकी सिफारिशों से क्या बदलाव आएगा, इसकी भी विस्तृत पड़ताल की है। 

दरअसल केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही यानी 28 अक्टूबर को 8वें वेतन आयोग की शर्तों को मंजूरी दे दी है। आयोग 18 माह में अपनी सिफारिशों के साथ केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा हांलाकि पूर्व की सिफारिशों की प्रत्याशा में केंद्रीय कर्मचारियों को नया वेतनमान दो माह बाद यानी 1 जनवरी 2026 से देने की तैयारी की जा रही है।  

वेतनमान को प्रभावित करने हैं ये फैक्टर

आठवे वेतन आयोग की जिन शर्तों को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है उनके लागू होने की प्रत्याशा में केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन में बड़ा बदलाव होना तय है। बेसिक वेतन, डीए, फिटमेंट फैक्टर में कितना बदलाव आएगा और वेतनमान को प्रभावित करने वाले ये फैक्टर क्या हैं इसे बारीकी से समझना जरूरी है।

दरअसल फिटमेंट फैक्टर एक गुणक है जिसका उपयोग वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों और पेंशनर्स के मूल वेतन की गणना के लिए किया जाता है। यह मौजूदा वेतन संरचना और प्रस्तावित वेतन वृद्धि के बीच के अंतर को निर्धारित कर वेतन स्तरों में एकरूपता तय करता है। 

डीए भी कर्मचारियों के वेतनमान को प्रभावित करने वाला बड़ा फैक्टर है। DA यानी Dearness Allowance या मंहगाई भत्ता समय -समय पर बढ़ने वाली मंहगाई की स्थिति में वेतनमान के संतुलन को बनाने में अहम भूमिका निभाता है।

इसकी गणना मूल वेतन के एक प्रतिशत के रूप में की जाती है और इसमें समय-समय पर संशोधन भी होता है। वहीं HRA यानी  हाउस रेंट अलाउंस  भी कर्मचारियों के वेतन पर असर डालता है साथ ही आयकर में भी छूट का लाभ इसके जरिए मिलता है।  

ये खबर भी पढ़िए :

मध्यप्रदेश को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और पुराने कचरा ढेरों के निपटारे के लिए जारी हुए सख्त निर्देश

आयोग की सिफारिशों से ऐसे बदलेगा वेतनमान

अब बात आठवे वेतनमान की सिफारिशों के प्रभाव की करते हैं। वेतनमान पर इस वेतन आयोग की सिफारिशों का कितना असर होगा ये जानना भी जरूरी है। यही सिफारिश तय करेंगी बेसिक सैलरी में कितना इजाफा होगा। वेतनमान में वृद्धि फिटमेंट फैक्टर और DA मर्जर पर निर्भर है।  

7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था जो 8वें वेतन आयोग में घटाकर 2.46 किया जा सकता है। हर वेतन आयोग में नई बेसिक सैलरी महंगाई को ध्यान में रखकर निर्धारित की जाती है। इसके आधार पर ही डीए में वृद्धि तय होती है। सातवे वेतन आयोग के मुताबिक तय वेतनमान में बेसिक सैलरी पर 55 प्रतिशत डीए निर्धारित है।

आठवे वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने पर बेसिक सैलरी पहले तय होगी उसके आधार पर डीए नए सिरे से रिवाइज किया जाएगा। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि सातवे वेतन आयोग में किसी कर्मचारी का मूल वेतन 35400 है तो 55 प्रतिशत पर उसका डीए 19470 होगा और एचआरए 27 प्रतिशत की दर से 9558 निर्धारित है।

वहीं आठवे वेतन आयोग के प्रस्तावित फिटमेंट 2.46 की प्रत्याशा में वेतनमान में बड़ा बदलाव आ जाएगा। यानी आठवे वेतन आयोग में इसी कर्मचारी का मूल वेतन तो 35400 होगा लेकिन नई गणना के बाद उसका वेतनमान 87 हजार रुपए से ऊपर पहुंच जाएगा। वहीं डीए और 27 प्रतिशत एचआरए यानी 23,513 के साथ उसे 1,10,597 वेतनमान मिलेगा।   

ये खबर भी पढ़िए :

शाहबानो केस पर बनी हक मूवी पर सुनवाई पूरी, HC में फिल्म डायलॉग से दोनों पक्षों ने दी दलील

कर्मचारियों को वेतन विसंगति से छुटकारे की आस

जहां केंद्र सरकार ने आठवे वेतन आयोग के गठन से अपने कर्मचारियों के वेतनमान में वृद्धि का रास्ता खोल दिया है वहीं राज्य के कर्मचारी अब भी पुराने वेतनमान की सिफारिश पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में कई विभाग और निगम मंडल, निकायों के कर्मचारियों को छठवे और सातवे वेतन आयोग की सिफारिशों का ही पूरा लाभ नहीं मिला है। इन कर्मचारियों को समान काम करने वाले दूसरे विभाग के कर्मचारियों से भी कम वेतन मिल रहा है।

वहीं हजारों कर्मचारी ऐसे हैं जिनके भत्ते और एरियर्स विभागों में अटके हुए हैं। ये कर्मचारी मंहगाई भत्तों और एरियर्स के भुगतान को लेकर कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों की मांग पर वेतन विसंगति और वेतनमान के एरियर्स के भुगतान की समस्याओं को दूर करने कर्मचारी आयोग के गठन की घोषणा की है। 

ये खबर भी पढ़िए :

किसानों को ज्यादा बिजली दी तो अधिकारियों की कटेगी सैलरी, बारिश की मार के बाद अब नया संकट

एमपी के कर्मचारियों को नए वेतनमान का इंतजार

केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में आठवे वेतन आयोग की सिफारिशों से दो से तीन गुना तक इजाफे की उम्मीद से जहां खुशी है, वहीं मध्य प्रदेश के कर्मचारी भी सरकार से उम्मीद लगाए हैं। प्रदेश के कर्मचारियों का कहना है हर बार सरकार केंद्र के कर्मचारियों के बराबर वेतनमान देने का भरोसा दिलाती है लेकिन घोषणाओं के बाद सिफारिशों को पूरा करना भूल जाती है।

प्रदेश के कर्मचारियों को अब तक सातवे वेतन आयोग की सिफारिशें ही पूरी तरह लागू कर लाभ नहीं दिया गया है। इस वजह से केंद्र के कर्मचारियों को समान कार्य के लिए जो वेतनमान मिल रहा है प्रदेश के कर्मचारी उससे बहुत पीछे हैं।

आठवे वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद प्रदेश के कर्मचारियों और केंद्र के कर्मचारियों के वेतनमान में इस अंतर  और भी बढ़ जाएगा जबकि देश में मंहगाई समान रूप से कर्मचारी वर्ग को प्रभावित कर रही है।

प्रदेश सरकार को भी जल्द आठवे वेतन आयोग का गठन करते हुए पूर्व से रोके गए भत्ते और एरियर्स का भुगतान कराना चाहिए और केंद्र के समान वेतनमान निर्धारित करने की सिफारिशों को स्वीकृति देना चाहिए। इससे प्रदेश के कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और प्रशासनिक व्यवस्था में भी इसका असर नजर आए।

ये खबर भी पढ़िए :

मध्य प्रदेश के ऐसे 8 म्यूजियम, जहां आज भी हजारों साल पुराने इतिहास का अनुभव होता है

वेतन-पेंशन निर्धारण करने वाले फैक्टर

  • देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति, महंगाई और GDP के मौजूदा हालात
  • सरकारी खजाने की स्थिति और विकास योजनाओं के लिए निर्धारित फंड में कमी न आए 
  • पुरानी पेंशन स्कीम्स से सरकार पर बोझ न बढ़े।
  • केंद्र की सिफारिशें ज्यादातर राज्य अपनी आर्थिक स्थिति के आधार पर आंशिक बदलाव के साथ अपनाते हैं।  
डीए अर्थव्यवस्था GDP सैलरी मंहगाई कर्मचारी संगठन कर्मचारी निगम मंडल केंद्र सरकार मध्य प्रदेश वेतनमान वेतन आयोग
Advertisment