केंद्र के लाए गए एडवोकेट अमेंडमेंट एक्ट बिल 2025 के विरोध में वकीलों ने किया हड़ताल का ऐलान

एडवोकेट अमेंडमेंट एक्ट बिल 2025 के विरोध में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन समेत मध्य प्रदेश के वकीलों ने हड़ताल का ऐलान किया है। जबलपुर में 21 फरवरी को वकील हड़ताल पर रहेंगे।

Advertisment
author-image
Neel Tiwari
New Update
lawyers-strike-protest-india
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

JABALPUR. केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित एडवोकेट अमेंडमेंट एक्ट बिल 2025 को लेकर देशभर के अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन सहित मध्य प्रदेश के वकीलों ने इस बिल का विरोध करने का ऐलान किया है। जबलपुर में 21 फरवरी को वकील हड़ताल पर रहेंगे और सरकार से इस विधेयक को वापस लेने की मांग करेंगे।

बिल के खिलाफ अधिवक्ताओं का विरोध

यह बिल एक्ट अधिवक्ताओं के अधिकारों को सीमित करने और न्यायिक प्रक्रिया में पुलिस एवं न्यायपालिका का दबदबा बढ़ाने वाला बताया जा रहा है। अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर यह बिल पास हो जाता है तो इससे उनकी स्वतंत्रता बाधित होगी और वे खुलकर अपने मुवक्किलों की पैरवी नहीं कर पाएंगे। दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने इस विधेयक के विरोध में पिछले तीन दिनों से हड़ताल कर रखी है। अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन भी इस विरोध में शामिल हो गए हैं।

यह खबर भी पढ़ें... डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में वकालत के छात्र न वकील बन सकेंगे ना ही सिविल जज

क्या कहता है नया संशोधन एक्ट

भारत सरकार ने अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है, जिसका उद्देश्य कानूनी पेशे को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और आधुनिक बनाना बताया जा रहा है। इस बिल एक्ट के तहत वकीलों के आचरण, अनुशासन और उनके अधिकारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रावधान जोड़े गए हैं। सरकार का दावा है कि यह बिल एक्ट कानूनी शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और न्याय प्रणाली की गुणवत्ता सुधारने में सहायक होगा। हालांकि, अधिवक्ताओं का मानना है कि यह बिल एक्ट उन्हें कमजोर बनाने और उनके कार्यक्षेत्र को सीमित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

यह खबर भी पढ़ें... ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट वकील ने दी मंत्री सारंग को चुनौती

28 फरवरी तक सुझाव देने का मौका

कानून मंत्रालय ने इस बिल एक्ट पर सुझाव देने के लिए 28 फरवरी 2025 तक का समय दिया है। राज्य बार काउंसिल से भी इस संबंध में सुझाव मांगे गए हैं। लेकिन अधिवक्ताओं का कहना है कि सरकार ने पहले ही कठोर निर्णय ले लिया है और उनके सुझावों को केवल औपचारिकता के लिए मांगा जा रहा है।

हाईकोर्ट बार और जिला बार की बैठक में बड़ा फैसला

19 फरवरी को जबलपुर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन और जिला बार एसोसिएशन की एक बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस बिल एक्ट  के विरोध में 21 फरवरी को अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे। अगर सरकार ने अधिवक्ताओं की मांगों को नहीं माना, तो आने वाले समय में पूरे मध्य प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा।

यह खबर भी पढ़ें... इंदौर में SDM के फर्जी कोर्ट में केस चलाकर धोखाधड़ी करने वाले वकील पर हुई FIR

अधिवक्ताओं का क्या कहना है

अधिवक्ताओं का कहना है कि यह नया एक्ट एक तरह से उनके हाथ काटने जैसा है। इससे उनका स्वतंत्र रूप से काम करना मुश्किल हो जाएगा। अधिवक्ताओं ने सरकार द्वारा प्रस्तुत नए एक्ट पर कड़ा विरोध जताया है। यह एक्ट उनके अधिकारों पर सीधा हमला है, वकीलों का मानना है कि इससे न्यायपालिका और पुलिस का उन पर दबाव बढ़ेगा, जिससे वे निष्पक्ष और निर्भीक होकर अपना कार्य नहीं कर पाएंगे। अधिवक्ताओं ने इस बिल एक्ट को एकतरफा करार देते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है।

क्या होगा आगे

अगर सरकार इस विधेयक को बिना किसी संशोधन के पारित करती है, तो अधिवक्ताओं का विरोध और तेज हो सकता है। विभिन्न राज्यों के बार एसोसिएशन भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अधिवक्ताओं की मांगों को किस हद तक स्वीकार करती है।

यह खबर भी पढ़ें... कोर्ट में वकीलों ने युवक को पीटा, IPS सहित पुलिस वालों से धक्का-मुक्की

मध्य प्रदेश हड़ताल lawyers strike एमपी स्टेट बार काउंसिल एमपी न्यूज हिंदी वकील मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल mp news hindi हाईकोर्ट बार काउंसिल