BHOPAL. मध्यप्रदेश में मरीजों को एयर लिफ्ट कर हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की तर्ज पर एयर एंबुलेंस ( Air Ambulance ) मुहैया कराने की तैयारी की जा रही है। एयर एंबुलेंस सेवा जून से शुरू हो सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( Chief Minister Dr. Mohan Yadav ) के निर्देश पर विमानन विभाग ( Aviation Department ) ने एयर एम्बुलेंस के लिए टेंडर जारी कर दिया है। जानकारी के मुताबिक विमानन विभाग 26 फरवरी तक टेंडर स्वीकार करेगा। 27 फरवरी को टेंडर खोले जाएंगे। सेवा में एक हेलीकॉप्टर और एक सुविधायुक्त एयरक्राफ्ट होगा (Tender issued for Air Ambulance)।
एयर एंबुलेंस पर लाखों का खर्च
एयर एंबुलेंस का खर्च विमान, तय दूरी, मरीज की चिकित्सा स्थिति और अन्य आधार पर अलग-अलग होता है। आमतौर पर इस सेवा की लागत डेढ़ से ढाई लाख रुपए तक होती है। इसके किराए में उड़ान की लागत, चिकित्सा कर्मचारी, उपकरण समेत कई अन्य खर्च शामिल हो सकते हैं।
आइए अब जानते है कि एयर एंबुलेंस क्या होता है, इसके कितने प्रकार होते है, इसमें क्या-क्या होता है और इसमें कितने रुपए खर्च होते हैं ...
एयर एंबुलेंस में क्या-क्या होता है?
एयर एंबुलेंस एक विमान या हेलीकॉप्टर होता है जो मरीजों को आपातकालीन चिकित्सा देखभाल के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह उन मरीजों के लिए महत्वपूर्ण है जो गंभीर रूप से बीमार या घायल हैं और उन्हें जल्दी से विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है।
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एयर एंबुलेंस में निम्नलिखित उपकरण होते हैं :
चिकित्सा उपकरण: एयर एंबुलेंस में विभिन्न प्रकार के चिकित्सा उपकरण होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वेंटिलेटर: यह एक मशीन है जो मरीज को सांस लेने में मदद करती है।
- मॉनिटर: यह मरीज के महत्वपूर्ण संकेतों, जैसे कि हृदय गति, रक्तचाप और श्वसन दर की निगरानी करता है।
- इंजेक्शन पंप: यह दवाओं को मरीज के शरीर में एक निश्चित दर से इंजेक्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- ऑक्सीजन थेरेपी: यह मरीज को अतिरिक्त ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- दवाएं: एयर एंबुलेंस में विभिन्न प्रकार की दवाएं होती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- दर्द निवारक: यह मरीज के दर्द को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- एंटीबायोटिक्स: यह संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
- एनेस्थीसिया: यह मरीज को बेहोश करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- चिकित्सा कर्मचारी: एयर एंबुलेंस में डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स जैसे चिकित्सा कर्मचारी होते हैं जो मरीज की देखभाल करते हैं।
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एयर एंबुलेंस का उपयोग कब किया जाता है?
- गंभीर बीमारी या चोट: यदि कोई मरीज गंभीर रूप से बीमार या घायल है और उसे जल्दी से विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है, तो एयर एंबुलेंस का उपयोग किया जा सकता है।
- दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले मरीज: यदि कोई मरीज दूरदराज के क्षेत्र में रहता है और उसे विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है, तो एयर एंबुलेंस का उपयोग किया जा सकता है।
- अंग प्रत्यारोपण: यदि किसी मरीज को अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता है, तो एयर एंबुलेंस का उपयोग अंग को दाता से प्राप्तकर्ता तक ले जाने के लिए किया जा सकता है।
एयर एंबुलेंस के लाभ:
- जल्दी: एयर एंबुलेंस मरीजों को जल्दी से विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल तक पहुंच प्रदान कर सकता है।
- सुरक्षा: एयर एंबुलेंस में मरीजों की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मचारी होते हैं।
- आराम: एयर एंबुलेंस मरीजों को एक आरामदायक और सुरक्षित वातावरण में ले जाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
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एयर एंबुलेंस के प्रकार:
1. विमान के आधार पर:
हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस: यह सबसे आम प्रकार की एयर एंबुलेंस है। हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस ऊर्ध्वाधर उड़ान और लैंडिंग कर सकते हैं, जो उन्हें दुर्गम क्षेत्रों में भी पहुंचने में मदद करता है।
फिक्स्ड-विंग एम्बुलेंस: यह प्रकार एयरलाइनर के समान है और लंबी दूरी की यात्रा के लिए अधिक उपयुक्त है।
2. मरीजों की संख्या के आधार पर:
सिंगल-पेशेंट एम्बुलेंस: यह एक मरीज को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
मल्टी-पेशेंट एम्बुलेंस: यह एक साथ कई मरीजों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
3. चिकित्सा सुविधाओं के आधार पर:
बेसिक एम्बुलेंस: यह बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं से युक्त है।
एडवांस्ड एम्बुलेंस: यह आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त है, जैसे कि वेंटिलेटर और ऑक्सीजन थेरेपी।
4. उपयोग के आधार पर:
आपातकालीन एम्बुलेंस: यह आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है।
नॉन-इमरजेंसी एम्बुलेंस: यह गैर-आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है।
5. स्वामित्व के आधार पर:
सरकारी एम्बुलेंस: यह सरकार द्वारा संचालित होती है।
निजी एम्बुलेंस: यह निजी कंपनियों द्वारा संचालित होती है।