अनुराग जैन के मुख्य सचिव बनने की कहानी भी पूरी तरह फिल्मी है। डॉक्टर राजेश राजौरा लगातार मुख्य सचिव यानी सीएस बनने की दौड़ में आगे चल रहे थे, लेकिन कुछ ही घंटे में ऐसा क्या हुआ कि कहानी ही पलट गई और दिल्ली में पदस्थ अनुराग जैन के नाम पर मोहर लग गई। जानिए thesootr में सबसे पहले…
सीएम की पसंद थे दोनों नाम
वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा के एक्सटेंशन के बाद आज यानी 30 सितंबर को उनके कार्यकाल का आखिरी दिन था। मुख्य सचिव के पद की दौड़ में शुरू से ही तीन नाम माने जा रहे थे। इनमें 1990 बैच के डॉ राजेश राजौरा, 1989 बैच के अनुराग जैन और 1990 बैच के ही डॉक्टर एसएन मिश्रा का नाम शामिल था। इनमें से डॉ राजेश राजौरा और अनुराग जैन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पसंद थे, जबकि डॉक्टर एसएन मिश्रा को RSS की पसंद माना जा रहा था। सीएम ने अपनी ओर से राजौरा और अनुराग जैन का नाम दिल्ली भिजवा दिया था। यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अनुराग जैन दिल्ली में ही पदस्थ हैं, इसलिए उनकी सेवाएं संभवत: दिल्ली में ही रहेंगी। इस कारण डॉक्टर राजेश राजौरा का नाम सबसे आगे चल रहा था।
12:45 का वो फोन
आज सुबह से ही सचिवालय में एक ही सवाल था कि किसके नाम की चिट्ठी आएगी? दोपहर तक जब दिल्ली से कोई हलचल नहीं हुई तो सभी ने यह मान लिया था कि डॉ राजेश राजौरा ही फाइनल हैं। इसलिए उनको बधाइयां देने का दौर भी शुरू हो गया, लेकिन अचानक 12:45 फोन घनघनाया और बताया गया कि डॉ राजौरा के रिटारयमेंट में अभी वक्त है। अनुराग जैन को भिजवा रहे हैं- कुर्सी वे संभालेंगे… इसी के साथ मध्य प्रदेश के नए प्रशासनिक मुखिया के नाम पर संशय खत्म हो गया।
अगर राजौरा बनते सीएस तो होते ढेर बदलाव
1990 बैच के IAS अधिकारी डॉ. राजेश राजौरा (Dr. Rajesh Rajora) को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नए मुख्य सचिव (Chief Secretary) के रूप में नियुक्त किए जाने की पूरी तैयारियां थीं। अगर वे सीएस बनते तो सीनियरटी के चलते प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलावों की संभावना जताई जा रही थी। आइए जानते हैं क्या- क्या फेरबदल हो सकते थे।
वीरा राणा बनेंगी राज्य निर्वाचन आयुक्त
- वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा (Veera Rana) आज अपने एक्सटेंशन (Extension) के बाद सेवानिवृत्त हो रही हैं। इसी के साथ वे राज्य निर्वाचन आयुक्त की जिम्मेदारी संभालेंगी। जोकि अभी भी संभालेंगी
- 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मोहम्मद सुलेमान (Mohammed Suleman) को मंत्रालय से बाहर पदस्थ करना पड़ता। सुलेमान वर्तमान में कृषि उत्पादन आयुक्त (Agricultural Production Commissioner) के पद पर कार्यरत हैं और उनके स्थानांतरण के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती थी, जो फिलहाल यह जिम्मेदारी खुद वीरा राणा ने अपने पास रखी हुई है।
- डॉ. राजेश राजौरा के मुख्य सचिव बनने के बाद उनके वर्तमान प्रभार, जैसे अपर मुख्य सचिव नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (Narmada Valley Development Authority) और जल संसाधन (Water Resources) संभवत: वे अपने पास ही रख सकते थे।
इधर मुख्यमंत्री सचिवालय में भी बड़े स्तर पर बदलाव करना पड़ते। जिसमें 1994 बैच के अधिकारी संजय शुक्ला को मुख्यमंत्री सचिवालय (Chief Minister’s Secretariat) के प्रमुख बनने की संभावना थी।
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