/sootr/media/media_files/2025/09/10/sc-reservation-hc-notice-2025-09-10-20-35-59.jpg)
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बानमोर नगर परिषद, जिला मुरैना के अध्यक्ष पद पर लगातार अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। नोटिस राज्य सरकार, चुनाव आयोग, नगर प्रशासन विभाग और मुरैना के कलेक्टर को दिया गया है।
याचिका में कहा गया है कि 1999 में नगर परिषद की स्थापना के बाद से अब तक अध्यक्ष पद पर बिना रोटेशन के सिर्फ SC आरक्षण ही लागू है, जो संविधान और कानून के प्रावधानों के खिलाफ है।
25 साल से एक ही वर्ग को मिल रहा आरक्षण
बानमोर नगर परिषद की स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी और उसी समय पहली बार अध्यक्ष व पार्षद पदों के लिए चुनाव हुए। तब से अब तक हर बार अध्यक्ष पद SC वर्ग के लिए आरक्षित किया जाता रहा है।
याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि यह स्थिति न केवल अनुचित है बल्कि मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 29-B और नगर पालिका (रोटेशन संबंधी नियम) 1999 के नियम 6 का उल्लंघन भी है।
नियमों के अनुसार आरक्षण का निर्धारण घुमाव (रोटेशन) के आधार पर होना चाहिए, ताकि SC, ST और OBC के अलावा सामान्य वर्ग को भी बराबरी से प्रतिनिधित्व मिल सके। लेकिन बानमोर में यह नियम कभी लागू नहीं किया गया और हर बार अध्यक्ष पद पर SC आरक्षण ही घोषित होता रहा।
रोटेशन नियम का नहीं हो रहा पालन
याचिकाकर्ता ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243-T में स्थानीय निकायों में पदों का आरक्षण तय किया गया है और इसे रोटेशन सिस्टम से लागू करने का प्रावधान रखा गया है। इसका उद्देश्य यह है कि समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिले और लोकतांत्रिक का प्रतिनिधित्व संतुलित रहे।
बानमोर नगर परिषद में लगातार SC वर्ग को आरक्षण देकर न केवल रोटेशन की मूल भावना की अनदेखी की गई है बल्कि अन्य वर्गों को इस पद पर प्रतिनिधित्व से वंचित कर दिया गया है। याचिका में मांग की गई है कि हाईकोर्ट सरकार को निर्देश दे कि अगली चुनाव अधिसूचना जारी करने से पहले अध्यक्ष पद पर आरक्षण का निर्धारण घुमाव के सिद्धांत के अनुसार किया जाए।
ये भी पढ़ें...मप्र बिजली कंपनी के सहायक ग्रेड 3 पदों की रूकी ज्वाइनिंग कब तक होगी, हाईकोर्ट ने यह दिए आदेश
हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, चुनाव आयुक्त, नगर प्रशासन विभाग और कलेक्टर से जवाब मांगा है। अदालत ने सभी पक्षों से चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद ही तय होगा कि बानमोर नगर परिषद अध्यक्ष पद पर आरक्षण व्यवस्था में बदलाव होगा या नहीं।