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Bhind. भिंड जिले में स्थित बरैठा टोल प्लाजा पर सोमवार, 29 दिसंबर की दोपहर को संत समाज का गुस्सा फूट पड़ा। नेशनल हाईवे 719 की खराब हालत और लगातार हो रही दुर्घटनाओं के खिलाफ संतों ने टोल प्लाजा को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया।
इस दौरान टोल प्लाजा से गुजरने वाली गाड़ियां बिना कोई टैक्स दिए निकल रही थीं। साथ ही, नो रोड-नो टोल (No Road-No Toll) के नारे भी गूंजे। इस आंदोलन में दंदरौआ धाम के महंत रामदास महाराज, संत समिति के अध्यक्ष कालीदास महाराज और नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे भी शामिल रहे।
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संतों के आक्रोश से प्रशासन बैकफुट पर
सोमवार दोपहर करीब 12 बजे, बड़ी संख्या में साधु-संत, रिटायर्ड फौजी और समाजसेवी बरैठा टोल प्लाजा पहुंचे। संत समिति के जिला अध्यक्ष कालीदास महाराज ने सभी को अनुशासन में रहने की शपथ दिलाई। इसके बाद, सांकेतिक रूप से टोल बैरियर हटा दिए गए। इस दौरान सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात था। हालांकि, संतों के आक्रोश के सामने प्रशासन बैकफुट पर नजर आ रहा था।
नो रोड- नो टोल की मांग जायज- हेमंत कटारे
कांग्रेस विधायक और विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे भी संतों के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे। कटारे ने वहां मौजूद संतों के साथ नारेबाजी की। सात ही, कहा, यह सड़क अब मौत का हाईवे (Highway of Death) बन चुकी है। जनता परेशान है, और सरकार सो रही है। संतों की नो रोड-नो टोल की मांग पूरी तरह जायज है। जब तक सड़क नहीं बनती, जनता टैक्स क्यों दे?
संतों ने लगाए आरोप
संतों ने आरोप लगाया कि सात महीने पहले वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में मिले थे। इस दौरान गडकरी ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि मुझे नहीं पता टोल कहां है, पहले हाईवे का विस्तार होना चाहिए। गडकरी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उन्हें काम शुरू कराने का वादा किया था। हालांकि, सात महीने बीत जाने के बाद भी काम की शुरुआत नहीं हो पाई है।
कालीदास महाराज ने दुर्घटना पर जताया दुख
कालीदास महाराज ने कहा कि पिछले दो सालों में इस हाईवे पर सैकड़ों बेकसूर लोग और गौवंश मारे गए। उन्होंने बताया कि यहां दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसके बावजूद, स्थानीय जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को विधानसभा या संसद में गंभीरता से नहीं उठा रहे।
संतों का दृढ़ संकल्प, अब नहीं रुकेगा आंदोलन
दंदरौआ धाम के महंत रामदास महाराज ने कहा कि यह आंदोलन अब आर-पार की लड़ाई बन चुका है। संत समाज ने साफ कहा कि जब तक हाईवे को सिक्सलेन बनाने का काम शुरू नहीं होता, तब तक टोल वसूली नहीं होने दी जाएगी। संतों ने चेतावनी दी कि यदि जल्दी कोई सुनवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र (Aggressive) हो सकता है।
संतों की प्रमुख मांगें
संतों ने अपनी प्रमुख मांगों को स्पष्ट किया, जो इस प्रकार हैं-
- हाईवे को जल्द से जल्द सिक्सलेन (Six-lane) बनाया जाए।
- जब तक काम शुरू नहीं होता, तब तक टोल वसूली बंद हो।
- हाईवे पर हो रहे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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