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भोपाल में स्थित ऐशबाग आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) का रेडियस अब 6 मीटर से बढ़ाकर 16.7 मीटर किया जाएगा। बुधवार (27 आगस्त) को केंद्रीय एक्सपर्ट कमेटी ने इस पुल का निरीक्षण किया। साथ ही, इसकी खामियों को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने की योजना बनाई है। बता दें, इसके लिए रेलवे ने भी मंजूरी दे दी है।
90 डिग्री आरओबी का रेडियस बढ़ाने की योजना
आरओबी का निर्माण ऐशबाग एप्रोच रोड पर किया गया था। लेकिन इसमें एक प्रमुख खामी सामने आई थी। इसका समाधान केंद्रीय एक्सपर्ट कमेटी ने अब निकाला है। यह खामी पुल के रेडियस (radius) से संबंधित थी, जो कि सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक साबित हो रही थी। वर्तमान में इसका रेडियस केवल 6 मीटर था, जबकि इसे 16.7 मीटर तक बढ़ाना आवश्यक था, ताकि यह पुल यात्रियों और वाहन चालकों के लिए सुरक्षित बन सके।
कमेटी ने बुधवार को सुबह 10:30 बजे से दोपहर तक पुल का निरीक्षण किया। साथ ही, पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) के जरिए प्रस्तुत किए गए प्रजेंटेशन को देखा। इसके बाद निर्णय लिया गया कि पुल का रेडियस बढ़ाने के लिए योजना बनाई जाए।
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रेलवे और जमीन देने को तैयार
रेलवे के इंजीनियरों के साथ हुई चर्चा में, रेलवे ने और जमीन देने पर मंजूरी दी है। इसके बाद रेडियस बढ़ाने का निर्णय लिया गया। नई योजना के अनुसार, पुल के बोगदा की ओर जाने वाले हिस्से में बाईं तरफ वॉल को डिजाइन कर घुमाव दिया जाएगा। साथ ही, दाईं तरफ रेडियस बढ़ाया जाएगा।
इस बदलाव के लिए दो नए पियर (supporting pillars) बनाए जाएंगे, जो पुल के स्थायित्व को बनाए रखने के लिए आवश्यक होंगे। कमेटी अगले दो दिन में फाइनल ड्राफ्ट तैयार करेगी, और इसके बाद काम शुरू किया जाएगा।
90 डिग्री ऐशबाग आरओबी की खबर पर एक नजर...
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आरओबी में ढलान की भी है समस्या
हालांकि, इस निरीक्षण में ढलान पर कोई चर्चा नहीं की गई, लेकिन यह एक अहम बिंदु था। रिपोर्ट के अनुसार, पुल की ढलान (slope) ज्यादा होने के कारण यह असुरक्षित हो गया था। विशेष रूप से, जनरल अरेंजमेंट डिजाइन (GAD) बनाते समय, रेडियस और कर्व्स के साथ ढलान पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया था। ऐशबाग एप्रोच रोड में झुकाव 1:26 रखा गया था, जबकि यह 1:30 होना चाहिए था। इससे ढलान अधिक हो गई और पुल का सुरक्षा स्तर घट गया।
एक साल प्रोजेक्ट लेट
बता दें कि ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू था। समय-सीमा से प्रोजेक्ट एक साल देरी से चल रहा है। 17 करोड़ 37 लाख की लागत वाले ब्रिज का निर्माण अगस्त 2024 में पूरा होना था। लेकिन, जून 2025 में भी इसे बनाने की प्रक्रिया जारी है।
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दुनियाभर में मीम बनने लगे थे
भोपाल में बने इस रेलवे ओवरब्रिज को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर मीम्स भी बनाए हैं। इस ब्रिज पर 90 डिग्री के एंगल से मोड़ दिया गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यहां वाहन कैसे टर्न लेंगे। वाहनों के या तो ब्रिज की दीवारों से या फिर आपस में टकराने का खतरा बना रहेगा।
क्रॉसिंग बंद होने से ब्रिज की जरूरत
ब्रिज के निर्माण के समय रेलवे ने भी 90 डिग्री की इस टर्निंग पर आपत्ति की थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने यहां जगह कम होने का हवाला देते हुए कहा था कि और कोई विकल्प नहीं है। ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के बाद इस इलाके के लिए आरओबी एक बड़ी जरूरत है। इसलिए कम जगह में भी इसे बनाना होगा।
18 महीने में बनकर तैयार होना था
ऐशबाग ओवरब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरी तरह से नहीं बन सका है। इसकी लागत 18 करोड़ रुपए है। 648 मीटर लंबे और 8 मीटर की चौड़ाई वाले ब्रिज का 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है।
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