भोपाल की सिद्धि मिश्रा ने छोटी उम्र में किया बड़ा धमाका, Mount Everest के बेस कैंप पहुंचकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

मध्य प्रदेश की रहने वाली सिद्धि मिश्रा ने केवत दो साल की उम्र में बड़ा धमाका किया है। सिद्धि अपनी मां के साथ माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर पहुंची है। माउंट एवरेस्ट का इस समय माइनस 16 डिग्री तापमान है।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
FGHJ

मध्य प्रदेश की सिद्धि मिश्रा पहुंचीं माउंट एवरेस्ट बेस कैंप

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. उम्र दो साल, नाम सिद्धि मिश्रा (  Siddhi Mishra ) उपलब्धि माउंट एवरेस्ट ( Mount Everest ) बेस कैंप पर पहुंची। जी हां, इतनी छोटी उम्र में बच्चे दुनिया तो छोड़िए अपने घर को सही से समझ नहीं पाते, वहीं एमपी की सिद्धि ने इसी उम्र में बड़ा धमाका किया है। वह अपनी मां भावना मिश्रा (  Bhavna Mishra ) के साथ माइनस 16 डिग्री तापमान में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर पहुंची है। मां भावना डेहरिया ने बेटी की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। इतनी छोटी उम्र में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर पहुंचकर सिद्धि मिश्रा ने वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया है। सिद्धि की मां भावना डेहरिया भी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा चुकी हैं।

ये खबर भी पढ़िए...649 करोड़ के मालिक हैं नकुलनाथ, फिर भी नहीं है खुद के नाम पर गाड़ी

मां के साथ माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचीं सिद्धि मिश्रा

भोपाल ( BHOPAL ) की दो वर्षीय सिद्धि मिश्रा उर्फ गिन्नी 22 मार्च को माउंट एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की बच्ची बन गई हैं। इस नन्हीं सी बच्ची ने अपनी मां भावना डेहरिया के साथ बेस कैंप तक पहुंचकर इतिहास रच दिया है। सिद्धि की भावना मिश्रा खुद पर्वतारोही हैं। सिद्धि ने अपनी मां के साथ एवरेस्ट बेस कैंप पर सबसे कम उम्र में चढ़ाई कर वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है। हिमालय एक्सपीडिशन के निदेशक नबीन ट्रिटल के अनुसार, सिद्धि मिश्रा ने अपनी मां की पीठ पर सवार होकर समुद्र तल से 17,598 फीट की ऊंचाई पर नेपाल के दक्षिण की ओर चढ़ाई की।  इस दौरान दोनों की पूरी यात्रा में नीमा शेरपा मार्गदर्शक रहे।

ये खबर भी पढ़िए...पीएम नरेंद्र मोदी की लहर पर सवार BJP ने इस काम में भी लगा दी शतक

क्या कहती हैं मां भावना मिश्रा

भावना डेहरिया ने बताया कि स्कॉटलैंड के एक 2 साल के बच्चे के एवरेस्ट बेस कैंप पर जाने के बाद उन्होंने अपनी बेटी को भी वहां ले जाने का फैसला किया। सिद्धि को पर्वतारोहण का अनुभव देने के लिए भावना उन्हें पहले लद्दाख ले गई थीं, जहां 17 हजार फीट की ऊंचाई पर भी उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई थी। 12 मार्च को काठमांडू से शुरू हुई यात्रा 22 मार्च को एवरेस्ट बेस कैंप पर पहुंचकर समाप्त हुई।

ये खबर भी पढ़िए...Lok sabha election 2024 : BJP के 40 स्टार प्रचारकों में उमा भारती का नाम गायब, कांग्रेस से आए पचौरी लिस्ट में

यहां से शुरू हुआ मां-बेटी का सफर

सिद्धि और उनकी मां भावना मध्य प्रदेश से 12 मार्च (2-4 डिग्री) को काठमांडू के लुक्ला पहुंचीं। उसके बाद दोनों ने एक ही दिन फाकडिंग (2 से -2 डिग्री) तक पैदल यात्रा की। अगले दिन 13 मार्च को उन्होंने फाकडिंग से नामचे बाजार तक ट्रैकिंग की, जो समुद्र तल से 3440 मीटर (2 से -6 डिग्री) की ऊंचाई पर है।  एक्लीमेटाइजेशन के एक दिन के बाद 15 मार्च को उन्होंने माइनस 12 डिग्री तापमान वाली ठंडी हवाओं और 3860 मीटर की ऊंचाई पर नामचे बाजार से टेंगबोचे तक ट्रैकिंग की। अत्यधिक ठंडे मौसम का सामना करने वाली छोटी सी सिद्धि के लिए यह आसान सैर नहीं थी। इसलिए उसकी मां ने डेबोचे (3820 मीटर) में रहने का फैसला किया, क्योंकि टेंगबोचे में मौसम बहुत ठंडा था।

ये खबर भी पढ़िए...शराब कारोबारी रमेश राय को IT का नोटिस, कार से 56 लाख कैश हुए थे जब्त

11 दिन में पहुंची एवरेस्ट बेस कैंप

सिद्धि मिश्रा की मां ने कहा कि मौसम ज्यादा बिगड़ने के कारण हमें बीच-बीच में रुकना भी पड़ा है। माइनस 7 से  माइनस 16 डिग्री तापमान झेलकर हम 11 दिन बाद यानी 22 मार्च को एवरेस्ट बेस कैंप पर पहुंचे। एवरेस्ट बेस कैंप की ऊंचाई समुद्र तल से 5164 मीटर है। बर्फीली हवाओं की थपेड़ों के बीच सिद्धि ने करीब एक घंटे से अधिक वक्त यहां बिताया है। इसके बाद वह वापस लुक्ला पहुंच गई, जहां से काठमांडू पहुंची। अभियान निदेशक हिमालय नबीन ट्रिटल के अनुसार, सिद्धि मिश्रा अपनी मां की पीठ (वाहक) पर चलते हुए, समुद्र तल से 5,364 मीटर यानी करीब 17,598 फीट की ऊंचाई पर, नेपाल के दक्षिण की ओर चढ़ गईं। नीमा शेरपा दोनों की पूरी यात्रा में मार्गदर्शक थीं। सिद्धि ने मध्य प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के बैनर तले यह ट्रेक अपनी मां के साथ पूरा किया।

भोपाल लौट आई है सिद्धि मिश्रा

वहीं अब सिद्धि मिश्रा अपनी मां के साथ भोपाल पहुंच गई। सिद्धि मिश्रा मां-बाप की इकलौती बेटी है। वह भोपाल की बागसेवनिया में रहती हैं। भावना ने बताया कि सिद्धि से पहले कार्टर वहां पहुंचा था लेकिन वह पैरेंट्स की पीठ पर था।

भोपाल मध्य प्रदेश Mount Everest Siddhi Mishra Bhavna Mishra माउंट एवरेस्ट बेस कैंप