पुलिसकर्मियों के पीटने से छात्र की मौत के बाद सीएम मोहन यादव ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश

भोपाल में पुलिसकर्मियों की पिटाई से एक छात्र की मौत हो गई। 22 वर्षीय छात्र की मौत के बाद मुख्यमंत्री सीएम मोहन यादव ने पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
student-death

Photograph: (thesootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

भोपाल में एक घटना ने पुलिस व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 22 वर्षीय छात्र उदित को पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा इसके बाद उसकी मौत हो गई। यह घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के इंद्रपुरी क्षेत्र की है।

सीएम मोहन यादव के निर्देश बाद संबंधित पुलिसकर्मी संतोष बामणिया और सौरभ आर्य को निलंबित कर दिया गया। भोपाल जोन-2 के डीसीपी विवेक सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 103  के तहत दोनों सिपाहियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

अपराध करने वालों को नहीं बख्शेंगे: मुख्यमंत्री 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले पर कड़ा संदेश देते हुए कहा कि कानून सभी के लिए समान है। अपराध करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इस घटना की गंभीरता को स्वीकार किया और पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई के निर्देश दिए।  

पुलिस पिटाई से छात्र की मौत का मामला

उदित अपने दोस्तों के साथ बृहस्पतिवार रात को पार्टी कर रहा था। रात करीब डेढ़ बजे, जब वह अपने दोस्त के साथ घर लौटने के लिए निकल रहा था, उसने पुलिसकर्मियों को देखा और घबराकर एक गली में दौड़ गया।

पुलिसकर्मियों ने उसका पीछा किया और उसे पकड़कर बर्बरता से पीटा। पिटाई के दौरान, उदित की शर्ट फट गई और उसके शरीर पर गहरे चोटों के निशान मिले। जब उसे अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

ये खबर भी पढ़ें...

एमपी में पुलिस की पिटाई से डीएसपी के इंजीनियर साले की मौत, शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी उदित को पकड़ने के बाद उसे बुरी तरह से पीट रहे हैं। वीडियो में पुलिसकर्मी डंडे का इस्तेमाल कर रहे थे और छात्र के शरीर पर गहरे चोटों के निशान दिखाई दे रहे थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन और सरकार पर सवाल उठने लगे, और सरकार ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की।

ये खबर भी पढ़ें...

पंडित धीरेंद्र शास्त्री के महाकुंभ वाले बयान पर कोर्ट का बड़ा फैसला, याचिका खारिज

पुलिसकर्मियों ने पैसे की मांग की थी 

उदित के दोस्तों ने दावा किया कि जब उन्होंने पुलिसकर्मियों से पिटाई रोकने की कोशिश की, तो पुलिसकर्मियों ने 10,000 रुपए की मांग की। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर कहा कि इस घटना को रोकने के लिए उस राशि की आवश्यकता है। यह घटना और इस तरह की मांग ने पुलिस व्यवस्था को और अधिक सवालों के घेरे में डाल दिया है।

ये खबर भी पढ़ें...

कफ सिरप के घातक असर के बाद एमपी सरकार ने मांगें दवाओं की जांच के अधिकार

कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण 

यह घटना भारतीय पुलिस व्यवस्था और कानून व्यवस्था के मुद्दे को उजागर करती है। पुलिसकर्मियों द्वारा किसी नागरिक पर हिंसा किए जाने से समाज में असुरक्षा का माहौल बनता है। इस घटना ने यह साबित किया है कि पुलिस को अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाना होगा, और उनके खिलाफ कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।

ये खबर भी पढ़ें...

भोपाल के अस्पताल में ऑपरेशन के टेबल पर थे मरीज, बत्ती गुल होने के बाद जनरेटर भी नहीं हुआ चालू

निगरानी और सुधार की आवश्यकता 

यह घटना पुलिस विभाग में सुधार की आवश्यकता को भी प्रकट करती है। पुलिसकर्मियों को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने की आवश्यकता है ताकि जनता का विश्वास बना रहे। इसके साथ ही अदालतों को भी सख्त रुख अपनाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

सीएम मोहन यादव पुलिस पिटाई से छात्र की मौत भारतीय दंड संहिता सोशल मीडिया वायरल वीडियो
Advertisment