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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। जबलपुर की MP-एमएलए कोर्ट में भाजपा विधायक सुशील तिवारी ने उनके खिलाफ मानहानि का परिवाद दायर किया है। आरोप है कि दिग्विजय सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान इंदु तिवारी पर PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के अनाज की कालाबाजारी का झूठा आरोप लगाया। इस कारण उनकी छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा।
बीएनएस में प्रतिवादी को पक्ष रखने का प्रावधान
जबलपुर में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी/एमएलए कोर्ट) डी.पी. सूत्रकार की अदालत ने अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को तय की है। कोर्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत धारा 223 बीएनएसएस का हवाला दिया। इस आदेश के अनुसार, दिग्विजय सिंह को नोटिस भेजा जाएगा। उन्हें कोर्ट में अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।
दिग्विजय सिंह की प्रेसवार्ता से जुड़ा मामला
यह विवाद मई 2023 में शुरू हुआ, जब दिग्विजय सिंह ने जबलपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि विधायक इंदु तिवारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन का 50-60 प्रतिशत हिस्सा बाजार में बेच देते हैं। यह बयान मीडिया में प्रसारित हुआ और दिग्विजय सिंह ने इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर किया।
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इंदु तिवारी ने लगाए आरोप
BJP विधायक इंदु तिवारी ने अपने परिवाद में लिखा कि वे एक प्रतिष्ठित जनसेवक हैं। उन्होंने वर्षों की मेहनत से अपनी ईमानदार छवि बनाई है। दिग्विजय सिंह ने जानबूझकर चुनावी लाभ के लिए झूठा बयान दिया। इस बयान से मतदाताओं में भ्रम फैला और उन्हें राजनीतिक नुकसान हुआ। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद वीडियो सोशल मीडिया पर फैलने से वे असहज हो गए। उनके रिश्तेदारों, समर्थकों और मतदाताओं ने इसका विरोध किया।
लीगल नोटिस का भी नहीं मिला जवाब
इंदु तिवारी ने बताया कि 16 मई 2023 को उन्होंने दिग्विजय सिंह को विधिक नोटिस भेजा। नोटिस में उनसे सार्वजनिक माफी मांगने और वीडियो हटाने की मांग की गई थी। लेकिन दिग्विजय सिंह ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही कोई सफाई दी।
मानहानि की धाराओं में मामला कायम करने की मांग
इंदु तिवारी की ओर से अधिवक्ता रोहित रघुवंशी ने दायर परिवाद में कहा कि दिग्विजय सिंह का कृत्य मानहानि और आपराधिक भयादोहन के तहत दंडनीय है। भाजपा विधायक ने अदालत से दिग्विजय सिंह को आरोपी के रूप में बुलाकर कार्रवाई शुरू करने की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई में दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया।
21 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई
अब इस केस में अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को होगी। तब यह देखा जाएगा कि क्या कोर्ट इस मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ आगे की आपराधिक कार्यवाही शुरू करता है या नहीं। इस बीच राजनीतिक गलियारों में इस प्रकरण को लेकर हलचल तेज हो गई है। क्योंकि यह मामला भाजपा-कांग्रेस के बीच आगामी राजनीतिक माहौल को भी प्रभावित कर सकता है।
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