संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर की वार्ड 44 की bjp पार्षद निशा देवलिया का निर्वाचन जीरो घोषित हो गया है। जिला न्यायाधीश मुकेश नाथ की कोर्ट ने कांग्रेस प्रत्याशी रही नंदनी पिंटू मिश्रा की याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। नंदनी मिश्रा को विजयी घोषित किया गया है।
टिनशेड वाले मकान के हिसाब से संपत्ति कर दे रही थी
मिश्रा ने अपनी याचिका में आरोप लगाए थे कि देवलिया ने शपथ पत्र में पूरी जानकारी नहीं दी है। याचिकाकर्ता के वकील केपी घनघोरे के अनुसार चुनाव में निशा देवलिया 1026 वोट से जीती थी। उन्होंने अपने शपथपत्र में संपत्ति को लेकर गलत जानकारी दी थी। साथ ही संपत्तिकर जमा करने में भी गड़बड़ी की थी। देवलिया अपना संपत्तिकर 200 वर्गफीट के टिनशेड वाले कच्चे मकान के हिसाब से जमा कर रही थी, जबकि वह 1600 वर्गफीट पर बने तीन मंजिला पक्के मकान मेंर हती है।
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कोर्ट के सामने पेश की गई रजिस्ट्री
कोर्ट के सामने इस मकान की रजिस्ट्री भी पेश की गई। यह मकान भी अभी नहीं, बल्कि 25 साल पुराना है। इश तरह उन्होंने संपत्तिकर में भी गलत जानकारी देकर टैक्स चोरी की है और नगर निगम के साथ धोखाधड़ी कर रही है।
कोर्ट ने यह सुनाया फैसला
मप्र नगर पालिक एक्ट के अनुसार पार्षद के लिए चुनाव लडने वाले उम्मीदवार पर यदि एक साल या अधिक का संपत्ति कर बकाया हो या उसने छह माह से बिजली बिल नहीं भरा हो तो वह चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाता है। संपत्तिकर को लेकर आरोप साबित होने के बाद न्यायाधीश ने निशा देवलिया का चुनाव निरस्त घोषित कर दिया और कांग्रेस की उम्मीदवार नंदनी मिश्रा अब पार्षद होंगी। कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी को इस संबंध में प्रक्रिया करने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिए हैं।