honey trap case: पूर्व सीएम Kamal Nath से कोई सीडी-पैनड्राइव नहीं हुई जब्त, जिला कोर्ट से आवेदन खारिज

मध्यप्रदेश के इंदौर में विशेष न्यायाधीश मनोज तिवारी की कोर्ट में हनीट्रेप के सीडी-पैनड्राइव मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं के आवेदन को निरस्त कर दिया। इस तरह पूर्व सीएम कमलनाथ को भी राहत मिल गई।

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Jitendra Shrivastava
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संजय गुप्ता, INDORE. हनी ट्रैप ( honey trap ) मामले में शनिवार को पूर्व सीएम कमलनाथ ( Kamal Nath ) को बड़ी राहत मिल गई है। इस मामले में आरोपियों की ओर से लगी याचिका कि उनसे क्या सीडी-पैनड्राइव जब्त हुई, उसकी जानकारी एसआईटी कोर्ट में उपलब्ध कराए वह खारिज हो गई है। बीती सुनवाई में ही शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौड़ ने आपत्ति ली थी कि जांच में विघ्न डालने के लिए इस तरह की याचिका लगाई गई है, जांच जारी है और अभी जब कुछ जब्त ही नहीं हुआ तो क्या पेश किया जाएगा। 

हनी ट्रैप मामले में पुलिस की जांच जारी है

राठौड़ ने यह भी पक्ष रखा कि वैसे भी इस तरह के आवेदन नहीं सकते क्योंकि अभी कोर्ट ने आरोप तय नहीं किए हैं। वर्तमान प्रकरण में कमलनाथ से कुछ जब्त नहीं है इसलिए हम जांच किस चीज की कराएंगे। ऐसे में आवेदन संभावनाओं के आधार पर किया गया है। जिसे खारिज किया जाए। पुलिस द्वारा कमलनाथ के पत्रकार वार्ता में कही गई बात कि उनके पास हनी ट्रैप संबंधी सीडी pendrive है, इसकी जांच जारी है। अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी।

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मामले में एसआईटी ने भी जून 2021 में दिया था नोटिस

विशेष न्यायाधीश मनोज तिवारी की कोर्ट में दस फरवरी को सुनवाई के दौरान आरोपियों द्वारा लगे पहले आवेदन पर सुनवाई हुई। यह आवेदन है कि पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा दिए गए बयान कि उनके पास सीडी-पैनड्राइव है तो उसे कोर्ट में पेश किया जाए। इस मामले में एसआईटी ने भी जून 2021 में उन्हें नोटिस दिया था। इस पर एसआईटी जवाब दे। विशेष लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने इस आवेदन पर आपत्ति ली थी। यह आवेदन अनुसंधान अधिकारी की जांच में बाधा डालने और हस्तक्षेप वाला मामला है, जबकि अनुसंधाकर्ता को कोई भी पक्षकार बाधित नहीं कर सकता है और ना उसे बाध्य किया जा सकता है। यह हमने विधिक आपत्ति ली है। इस बहस के बाद दो मार्च को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं के आवेदन को निरस्त कर दिया इस तरह पूर्व सीएम को भी राहत मिल गई। 

एक अन्य आवेदन पर अब सुनवाई नौ मार्च को

साथ ही आरोपियों ने यह जांच एक महीने के भीतर करने का आवेदन भी धारा 173 के तहत लगाया हुआ है। इसके तहत कहा गया है कि जांच में चार साल में कुछ नहीं हुआ, ना ही पूरक चालान पेश हुआ, इसलिए कोर्ट निर्देशित करे कि एसआईटी एक माह में जांच पूरा कर प्रतिवेदन या पूरक चालान पेश करे। विशेष लोक अभियोजक राठौड़ ने बताया कि हमने इस पर आपत्ति उठाई कि किसी भी जांच के अनुसांधन अधिकारी को इस धारा के तहत शक्ति है कि वह किसी भी चरण पर अनुसंधान अपना पूरा कर सकता है। उसे जांच खत्म करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सता है। इस आपत्ति पर अब नौ मार्च को बहस होगी। 

यह है पूर्व सीएम कमलनाथ का मामला

सीएम कमलनाथ ने 21 मई 2021 को एक प्रेस कान्फ्रेंस मे दावा किया कि हनी ट्रैप कांड की सीडी पैनड्राइव मेरे पास मौजूद है। इस मामले में एसआईटी द्वारा उन्हें नोटिस दिया गया और कहा गया कि दो जून 2021 को दोपहर साढ़े बारह बजे श्यामला हिल्स भोपाल निवास पर उपस्थित रहकर कथन व साक्ष्य सीडी-पैनड्राइ एसआईटी को देने का कष्ट करें, लेकिन इसके बाद इस मामले में कुछ नहीं हुआ। इस मामले में एसआईटी को कोर्ट में जवाब पेश करना है।

आरोपियों ने आवेदन में कहा था बेवजह इसे हनी ट्रैप नाम दिया

इसे लेकर आरोपियों ने कोर्ट में आवेदन लगाया है कि एसआईटी ने इस मामले में यदि सीडी-पैनड्राइव जब्त की है तो उसे कोर्ट में प्रस्तुत करवाया जाना चाहिए, क्योंकि पुलिस द्वारा इस केस को अनावश्यक फर्जी व कूटरचित सीडी पैनड्राइव के आधार पर बनाया गया है। बदनाम करने, आरोपियों को झूठा फंसाने के लिए इस केस को हनी ट्रैप नाम दिया गया है। इस कारण से पूर्व सीएम से जब्त सामग्री व उसकी जांच रिपोर्ट बुलाया जाना आवश्यक है। इसलिए कोर्ट एसआईटी को आदेशित करें कि पूर्व सीएम कमलनाथ से जब्त सीडी पैनड्राइव व जांच संबंधी दस्तावेज को कोर्ट में पेश करे। यह आवेदन खारिज हो गया।

अभी तक जांच गलत, एक माह में पूरी करें

आरोपियों ने एक और आवेदन कोर्ट में लगाया है जिसमें कहा गया है कि इस मामले में चालान दिसंबर 2019 में पेश हुआ और इसके बाद से ही प्रकरण में जांच ही चल रही है। कोई पूरक चालान तक पेश नहीं हुआ। इतनी लंबी जांच नहीं हो सकती है। इसलिए माननीय कोर्ट एसआईटी को आदेशित करे कि इस केस को एक माह के भीतर उचित निष्कर्ष निकालकर जांच समाप्त करें तथा अंतिम प्रतिवेदन या पूरक चालान जो भी हो इस कोर्ट को प्रस्तुत करे। इस पर अब बहस नौ मार्च को होगी।

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