बिल्डर अपहरण मामला: पुलिस और फिरोती मांगने वाले अपहर्ताओं के बीच मुठभेड़, इंस्पेक्टर घायल

उत्तर प्रदेश के झांसी और मध्य प्रदेश की सीमा पर बिल्डर नितेश के अपहरण के बाद पुलिस और अपहरणकर्ताओं के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। सब-इंस्पेक्टर शैलेन्द्र राजावत की गाड़ी को टक्कर मारकर अपहरणकर्ता भाग गए... 

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Jitendra Shrivastava
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builder-abduction-police-clash-toll-area Photograph: (thesootr)

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उत्तर प्रदेश के झांसी और मध्य प्रदेश के छतरपुर बॉर्डर पर पुलिस और अपहरणकर्ताओं के बीच मुठभेड़ हो गई। यह घटना बिल्डर नितेश के अपहरण से जुड़ी है, जिसे फिरौती के लिए अगवा कर लिया गया था। मुठभेड़ में अपहरणकर्ताओं ने पुलिस के सब-इंस्पेक्टर शैलेन्द्र राजावत की गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया और उनके साथ जानलेवा हमला किया। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।  

पुलिस की कार पर हमला  

मध्य प्रदेश के कमलानगर थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर शैलेन्द्र सिंह कुशवाह ने आरोपियों के पीछा करने के दौरान खुद पर हुए हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनका कहना है कि आरोपियों ने जानबूझकर उनकी गाड़ी को टक्कर मारी और उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। टोल नाके पर पुलिस और टोल कर्मचारियों की सहायता से आरोपियों को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन वे भाग निकले। इस दौरान सब-इंस्पेक्टर की कार को कई बार जानलेवा टक्कर दी गई, जिससे उनके हाथ में चोटें आईं।  

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आरोपियों की पहचान  

इस मामले में पुलिस ने कई आरोपियों की पहचान की है। प्रमुख आरोपी संजय राजावत और पंकज परिहार मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के हीरानगर इलाके के रहने वाले हैं, जबकि ओम राजावत भिंड जिले के उमरी थाना क्षेत्र से संबंधित है। इनके साथ एक अज्ञात व्यक्ति भी शामिल था, जिसकी जानकारी पुलिस अभी जुटा रही है।  

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टोल नाके पर घेराबंदी   

घटना के दौरान पचवारा टोल नाके पर पुलिस ने आरोपियों को रोकने का प्रयास किया। स्थानीय पुलिस और टोल कर्मचारी पहले से ही सतर्क थे, लेकिन आरोपी पुलिस का घेरा तोड़ने में सफल रहे। टोल नाके के भीतर भी आरोपियों ने अपनी गाड़ी को तेज रफ्तार में चलाते हुए टक्कर मारने की कोशिश की।  

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सब-इंस्पेक्टर ने की FIR  

सब-इंस्पेक्टर शैलेन्द्र सिंह कुशवाह ने सकरार थाने में इस घटना से संबंधित एफआईआर दर्ज करवाई है। इसमें आरोपियों पर हत्या के प्रयास, शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने और तोड़फोड़ जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने घटना की गहराई से जांच शुरू कर दी है और सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है।  

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ऐसे हुआ पूरा मामला  

घटना 26 जनवरी को सुबह 11 बजे की है, जब सब-इंस्पेक्टर शैलेन्द्र सिंह आरोपियों का पीछा कर रहे थे। छतरपुर के पचवारा टोल पर पुलिस को आरोपियों की गाड़ी दिखी। उन्होंने झांसी की ओर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस और टोल कर्मचारियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान आरोपियों ने अपनी गाड़ी से पुलिस की गाड़ी को टक्कर मारी और भाग गए।  

प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा  

मुठभेड़ के दौरान टोल नाके पर मौजूद स्थानीय लोगों और टोल कर्मियों ने पूरी घटना को देखा। एक टोल कर्मचारी ने बताया कि पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर आरोपियों का पीछा कर रहे थे। घटना के बाद से इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया गया है।  

पुलिस ने क्या कदम उठाए हैं?  

पुलिस ने आरोपियों के संभावित ठिकानों पर दबिश बढ़ा दी है। झांसी, ग्वालियर और भिंड जिलों की पुलिस टीम इस मामले की छानबीन में जुटी हुई है।  

खबर से संबंधित सामान्य सवाल

पुलिस और अपहरणकर्ताओं के बीच मुठभेड़ कहां हुई?
घटना झांसी और छतरपुर के बॉर्डर पर हुई।
घटना में कौन-कौन आरोपी शामिल हैं?
मुख्य आरोपी संजय राजावत, ओम राजावत और पंकज परिहार हैं।
क्या सब-इंस्पेक्टर को चोटें आईं?
हां, उन्हें टक्कर मारने के बाद हाथ में चोटें आईं।
एफआईआर में किन धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है?
हत्या के प्रयास, शासकीय कार्य में बाधा और तोड़फोड़ की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है।
पुलिस ने घटना के बाद क्या कदम उठाए हैं?
पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है और जांच तेज कर दी है।

 

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