कौशल विकास राज्य मंत्री के जवाब से सीआईटीएस प्रशिक्षित युवा निराश

मध्य प्रदेश। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षकों की भर्ती में सीआईटीएस की अनिवार्यता पर विधानसभा में कौशल विकास राज्य मंत्री ने गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया।

author-image
Sanjay Sharma
New Update
The Sootr

ITI Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षकों की भर्ती में सीआईटीएस की अनिवार्यता पर विधानसभा में कौशल विकास राज्य मंत्री ने गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया। राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने ये तो माना कि भारत सरकार के प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा इस पाठ्यक्रम को अनिवार्य किया गया है, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे लागू करने पर वे दूसरे पाठ्यक्रमों की गिनती कराते रहे।

प्रदेश में लंबे समय से प्रशिक्षण महानिदेशालय के इस पाठ्यक्रम को लागू करने की मांग की जा रही है लेकिन सरकार आईटीआई भर्तियों में उनसे कम योग्यता वाले पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दे रही है। 

प्रशिक्षित युवाओं से जुड़ा है सवाल

इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-5 से बीजेपी विधायक महेन्द्र हार्डिया ने सदन में पूछा था कि आईटीआई में प्रशिक्षण अधिकारी-अनुदेशक भर्ती में सीटीएस के साथ सीआईटीएस कोर्स अनिवार्य किया गया है।

इस पाठ्यक्रम की अनिवार्यता भारत सरकार प्रशिक्षण महानिदेशालय यानी डीजीटी द्वारा निर्धारित की गई है। वहीं उन्होंने अन्य राज्यों के आईटीआई संस्थानों में इस पाठ्यक्रम के आधार पर भर्ती और प्रदेश में इसकी अनिवार्यता के संबंध में भी जवाब मांगा था। प्रदेश में सीआईटीएस के आधार पर भर्ती की समय सीमा पर भी मंत्री जवाब टाल गए। 

ये खबरें भी पढ़िए :

गृहमंत्री की चेतावनी... शिक्षा दूतों की हत्या करने वालों को पुनर्वास का लाभ नहीं मिलेगा

बजरंगियों ने जलाया राहुल गांधी का पुतला... छत्तीसगढ़ में मचा बवाल

कौशल विकास मंत्री का अधूरा जवाब

सदन में बीजेपी विधायक के प्रश्न पर कौशल विकास विभाग राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने अधूरा जवाब पेश किया। राज्य मंत्री टेटवाल ने माना कि प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा सीआईटीएस पाठ्यक्रम अनिवार्य किया गया है। दूसरे राज्यों में इस पाठ्यक्रम को भर्तियों में अनिवार्य करने के सवाल को उन्होंने अन्य प्रदेशों की जानकारी संधारित न होने का कहकर पल्ला झाड़ लिया।

राज्यमंत्री टेटवाल ने बताया कि प्रशिक्षण अधिकारियों को नियुक्ति के बाद एटीआई, सीटीआई, एनवीटीआई, आरवीटीआई और आईटॉट से अनुदेशक प्रशिक्षण उत्तीर्ण करना जरूरी है। इसके बाद ही  प्रशिक्षण अधिकारियों को वेतनवृद्धि एवं नियमितिकरण का लाभ दिया जाता है। 

ये खबरें भी पढ़िए :

मंत्री ने वनभूमि पर कब्जे से किया इंकार तो बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने सदन में लहरा दी तस्वीर

पति ने पत्नी और बेटे के नहीं मिलने की कराई FIR, बाद में दोनों के शव मिले, अब पति भी गायब

महानिदेशालय के निर्देश की अनदेखी

डीजीटी भारत सरकार का संस्थान है। यह सभी राज्यों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं सहित अन्य संस्थानों के लिए भी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तय करती है। प्रशिक्षण अधिकारी और व्यावसायिक अनुदेशक भर्ती के संबंध में प्रशिक्षण महानिदेशालय अपनी राय दे चुका है।

डीजीटी ने यह भी माना है कि सीआईटीएस को प्राथमिकता न देने पर चयनित अभ्यर्थियों को डिप्लोमा कराने पर सरकार को 5 लाख रुपए अतिरक्ति खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में सीआईटीएस पाठ्यक्रम में दक्ष अभ्यर्थी को प्राथिमकता देना अधिक उपयुक्त है। इसके बावजूद कौशल विकास एवं रोजगार विभाग इसकी अनदेखी कर रहा है। 

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

 

भारत बीजेपी विधायक मध्य प्रदेश विधानसभा आईटीआई औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान राज्यमंत्री गौतम टेटवाल कौशल विकास विभाग