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मध्यप्रदेश के भिंड जिले में सोमवार को सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई। चार पटवारी (भूमि अभिलेख अधिकारी) और चार अन्य सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, चार तहसीलदारों के खिलाफ कार्रवाई के प्रस्ताव भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों से सरकारी योजनाओं की डिलीवरी प्रणाली को सुधारने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री का सीधा हस्तक्षेप
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सरकारी योजनाओं की डिलीवरी प्रणाली को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी अधिकारी द्वारा लापरवाही की जाती है तो उसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 12 जिलों के आवेदकों से सीधे बात की और उनकी समस्याओं को तत्काल हल करने का निर्देश दिया।
लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कुछ महत्वपूर्ण मामलों की जांच के बाद सख्त कदम उठाए। इनमें से एक मामला बालाघाट जिले का है, जहां एक मजदूर, झुन्नालाल पनकू, को पांच साल से मजदूरी नहीं दी गई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने बालाघाट के जिला वन अधिकारी (DFO) को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उमरिया जिले में एक रिटायर्ड कर्मचारी, स्व. धीरज प्रसाद कोल के परिवार को पेंशन न मिलने की शिकायत का मौके पर ही समाधान कर दिया गया।
निलंबन, सेवाओं की समाप्ति और रोका वेतनमुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए कदमों में कई कर्मचारियों की निलंबन शामिल है:
ये कदम सरकारी योजनाओं और सेवाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाए गए हैं। | |
सरकारी योजनाओं की डिलीवरी प्रणाली को बेहतर बनाना
मुख्यमंत्री ने "समाधान ऑनलाइन" प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान जल्दी हो सके। इस प्रणाली के माध्यम से अब सरकारी अधिकारियों और नागरिकों के बीच सीधा संवाद स्थापित हो रहा है, जिससे समस्या हल करने में तेजी आई है।
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क्या है समाधान ऑनलाइन
समाधान ऑनलाइन एक अहम पहल है जो नागरिकों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं से जुड़ी समस्याओं को सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का एक मंच प्रदान करती है। इस मंच के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के विभिन्न जिलों के लंबित मामलों पर सीधी सुनवाई की और कई मामलों का निवारण किया। यह कदम सरकारी सेवाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
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मुख्यमंत्री का कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों को आदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) ने सभी कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिया है कि वे अपने जिलों में नागरिकों को बेहतर प्रशासन और व्यवस्थाओं का लाभ सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जिलों में जो भी प्रकरण समाधान ऑनलाइन पर पहुंच रहे हैं, उन्हें समय-सीमा के भीतर निपटाया जाए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी शिकायत का समाधान जिला स्तर पर ही हो, ताकि नागरिकों को सीएम हेल्पलाइन का सहारा न लेना पड़े।
मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश:
नागरिकों के मामलों का शीघ्र निस्तारण
समाधान ऑनलाइन के प्रकरणों की गंभीरता से जांच
कलेक्टर्स को हर हाल में जनहित में कार्य करने की सलाह
सीएम यादव का कड़ी कार्रवाई पर जोर
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अगर किसी भी मामले में देरी होती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अधिकारियों के वेतनवृद्धि को रोकने या उनका निलंबन करने जैसे कदम उठाए जाएं, ताकि सिस्टम में सुधार आ सके।
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मुख्यमंत्री डॉ. यादव की योजनाएं और लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी सलाह दी कि वे हमेशा नागरिकों के हित में काम करें और समाधान ऑनलाइन के माध्यम से उन्हें न केवल त्वरित बल्कि सही समाधान दें। यह कदम सुशासन (Good Governance) के मार्ग को और मजबूत करने का प्रयास है।