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Photograph: (thesootr)
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कुछ बच्चों की मृत्यु के बाद, राज्य सरकार ने कफ सिरप कोल्ड्रिफ ( Coldrif Cough Syrup ) के विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब यह सामने आया कि कफ सिरप की कुछ खुराकों में संदिग्ध तत्व पाए गए थे, जो बच्चों की मौत का कारण बने थे। सीएम मोहन यादव ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की घोषणा की और कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निलंबन और स्थानांतरण
छिंदवाड़ा कफ सिरप मामले में ड्रग इंस्पेक्टर (Drug Inspector) गौरव शर्मा और शरद कुमार जैन को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा, उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन शोभित कोस्टा को निलंबित किया गया और ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया। यह सभी फैसले मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए थे।
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कफ सिरप पर बैन की कार्रवाई
राज्य सरकार ने कफ सिरप कोल्ड्रिफ की जांच को और तेज किया। तमिलनाडु राज्य सरकार को भी इस प्रकरण से अवगत कराया गया, और उनकी मदद से सिरप के नमूने की जांच की गई। जांच रिपोर्ट में सिरप को अमान्य पाया गया, जिसके बाद पूरे प्रदेश में इस दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
दवाओं की प्रभावशीलता का मूल्यांकन भी किया गया और विभिन्न दवाओं के सैंपल लेकर उनकी जांच कराई गई। सरकार ने इस मामले में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
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घर-घर जाकर रिकवर करें प्रतिबंधित दवा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि सभी दुकानों में मौजूद प्रतिबंधित दवाओं को तुरंत जब्त किया जाए और प्रभावित परिवारों से रिकवर किया जाए। इसके लिए एक व्यापक अभियान चलाया गया, जिसमें आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों ने सहयोग दिया।
चिकित्सकों और केमिस्टों का सहयोग
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि डॉक्टरों और केमिस्ट एसोसिएशन का सहयोग प्राप्त किया जाए ताकि वे सावधानियां अपनाएं और जनता को जागरूक करें। इसके तहत चिकित्सकों और अस्पतालों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
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मरीजों की पहचान के लिए सर्वे अभियान
राज्य सरकार ने छिंदवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में प्रभावित मरीजों की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण अभियान शुरू किया। प्रभावित मरीजों के नमूने पुणे स्थित प्रयोगशाला भेजे गए, और उनका इलाज करने के लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय नागपुर को रैफर किया गया।