BHOPAL. मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरों को ट्रैप करने के बाद सालों तक फंसा रहने वाला घूस का पैसा अब शिकायतकर्ता को अदालत में अभियोजन कार्रवाई शुरू होते ही मिल जाएगा। इसके लिए शासन द्वारा अप्रैल से विशेष फंड शुरू किया जा रहा है। सरकार से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग लगभग 40 लाख रुपए का विशेष कोष बना रहा है। इसके माध्यम से शिकायतकर्ताओं को राशि लौटाई जाएगी।
सामान्य प्रशासन विभाग बना रहा कोष
दरअसल, आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (ईओडब्ल्यू) द्वारा रिश्वतखोरों को पकड़ने की कार्रवाई में पिछले कुछ समय में तेजी आई है। जहां पहले ट्रैप के प्रकरणों की संख्या कम थी, वहीं अब इस साल के पहले दो महीनों में लगभग 15 आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा गया है। ईओडब्ल्यू के डीजी डा. उपेंद्र जैन ने कहा कि ट्रैप की कार्रवाई के लिए विशेष फंड बनाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि रिश्वत लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायत करने वाले व्यक्तियों को तत्काल उनकी राशि वापस मिल सके।
सरकार ने अब एक विशेष कोष बनाने का निर्णय लिया है, जिससे शिकायतकर्ताओं को उनकी राशि तुरंत लौटाई जाएगी। अप्रैल 2025 से इस फंड का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा, और इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग लगभग 40 लाख रुपये का कोष बना रहा है। इस कोष का उद्देश्य शिकायतकर्ताओं को न्यायालय में अभियोजन कार्रवाई शुरू होने के बाद उनके द्वारा दी गई रिश्वत की राशि लौटाना है।
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राशि का भुगतान और कोष का संतुलन
जब मामले का निपटारा हो जाएगा, तो कोष से वापस की गई राशि फिर से उसी खजाने में लौटाई जाएगी, जिससे कोष में संतुलन बना रहेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि फंड में कोई कमी नहीं होगी और शिकायतकर्ताओं को उनके पैसे बिना किसी देरी के मिलेंगे। अभी भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी को को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़वाने वाले शिकायतकर्ताओं के लगभग तीन करोड़ रुपए फंसे हुए हैं।
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फंसे हुए थे शिकायतकर्ताओं के पैसे
अभी तक, रिश्वत पकड़वाने वाले शिकायतकर्ताओं की राशि कोर्ट में लंबित प्रकरणों के कारण वर्षों तक फंसी रहती थी। कभी-कभी इस राशि का मूल्य बढ़ जाता था, लेकिन शिकायतकर्ताओं को मूल राशि ही मिलती थी। कई बार रिश्वत की राशि लाखों रुपये तक होती है, और 10 से 15 साल तक मामलों का निपटारा नहीं होता था। इस वजह से कई बार आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति रिश्वत देने का कदम वापस ले लेते थे, क्योंकि वे इतनी बड़ी राशि का इंतजाम नहीं कर पाते थे।
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क्यों जरूरी है यह पहल?
मध्य प्रदेश सरकार की यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिकायतकर्ताओं को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, जो लोग अपनी आर्थिक स्थिति के कारण रिश्वत की राशि देने में संकोच करते थे, उन्हें अब इसका पूरा लाभ मिलेगा। यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई को बढ़ावा देगा और नागरिकों को न्याय दिलाने में मदद करेगा।
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