मोदी की तारीफ करने पर कांग्रेस ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष कृष्ण राव दीक्षित को किया बर्खास्त

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा और पार्टी विरोधी बयान देने पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष कृष्ण राव दीक्षित को पार्टी से निष्कासित किया। भाजपा में शामिल होने की खबरें चल रही हैं। यह कार्रवाई अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों के चलते की गई।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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मध्य प्रदेश की कांग्रेस पार्टी ने लंबे समय से पार्टी की नीतियों के खिलाफ मुखर रहे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की प्रशंसा करने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष कृष्ण राव दीक्षित (Krishna Rao Dixit) को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों के चलते की गई।

दीक्षित पर पार्टी ने पहले कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया था, जिसमें उनसे अपने बयान पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। लेकिन उन्होंने न केवल नोटिस का जवाब नहीं दिया, बल्कि विभिन्न माध्यमों से पार्टी की नीतियों पर खुलकर असहमति जताई। इसके बाद अनुशासन समिति ने उन्हें पार्टी से निकालने की सिफारिश की, जिसे मंजूरी मिली।

मोदी की प्रशंसा और पार्टी विरोधी बयानों का असर

कृष्ण राव दीक्षित ने कई मौकों पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए पार्टी की रणनीतियों और नेतृत्व की आलोचना की। उनके बयान कांग्रेस की आधिकारिक नीतियों के विपरीत माने गए। उनका कहना था कि कांग्रेस को अपने आपको पुनर्गठित करना होगा, वरना पार्टी का भविष्य संकट में रहेगा। उन्होंने कई सार्वजनिक मंचों और मीडिया इंटरव्यू में अपनी राय रखी, जो पार्टी नेतृत्व के लिए चिंता का विषय बनी।

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भाजपा में शामिल होने की अटकलें बढ़ीं

कांग्रेस से निष्कासन के बाद से ही कृष्ण राव दीक्षित के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, वे ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) से संपर्क में हैं।

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने भी इस बात की पुष्टि की है कि दीक्षित सिंधिया के संपर्क में थे और जल्द ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

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दीक्षित की कांग्रेस में भूमिका और विवाद

कृष्ण राव दीक्षित लंबे समय तक नगर निगम परिषद के नेता प्रतिपक्ष रहे। उनकी लोकप्रियता और सियासी पकड़ पार्टी के लिए महत्वपूर्ण थी। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में वे लगातार पार्टी की नीतियों और नेतृत्व की आलोचना करते रहे। उनका भाजपा के प्रभाव वाले नेताओं से संपर्क और पार्टी विरोधी बयानों ने कांग्रेस नेतृत्व में असंतोष बढ़ा दिया। उनकी कार्रवाई पार्टी अनुशासन समिति की सख्ती का परिणाम है।

कांग्रेस की अनुशासन समिति का फैसला

कांग्रेस की अनुशासन समिति के अध्यक्ष महाराज सिंह पटेल ने बताया कि कृष्ण राव दीक्षित की पार्टी के खिलाफ बयानबाजी और अनुशासनहीनता के कारण उन्हें निष्कासन का नोटिस दिया गया था।

तीन दिन में स्पष्टीकरण न देने और सार्वजनिक तौर पर पार्टी की नीतियों के खिलाफ बयान जारी करने के कारण समिति ने दीक्षित को पार्टी से निष्कासित करने की अनुशंसा की। इस अनुशंसा को जिला अध्यक्ष समेत पार्टी नेतृत्व ने मंजूर किया।

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