Congress विधायक नहीं लड़ना चाहते चुनाव, 13 सीटों के पैनल में 14 के नाम

मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पैनल में 14 नाम हैं। 12 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जहां पर पार्टी ने मौजूदा विधायकों को ही चुनाव लड़ने को कहा है, लेकिन वे रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वहीं वरिष्ठ नेताओं की भी चुनाव लड़ने में दिलचस्पी कम ही है।

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Jitendra Shrivastava
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कांग्रेस में विधायक नहीं लड़ना चाहते चुनाव!

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अरुण तिवारी, BHOPAL. एक तरफ कांग्रेस ( Congress ) लोकसभा चुनाव में अपना वजूद बचाने की लड़ाई लड़ रही है तो दूसरी तरफ उसके पास जिताऊ उम्मीदवारों का टोटा है। कांग्रेस ने अपने विधायकों पर दांव लगाने की तैयारी की तो विधायक मनाही करने लगे। कांग्रेस ने लोकसभा सीटों पर जो पैनल तैयार किए हैं, उनमें अधिकांश में मौजूदा विधायकों के नाम हैं। 12 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जहां पर विधायकों को ही चुनाव लड़ने को कहा जा रहा है, लेकिन विधायकों की रुचि चुनाव लड़ने में नहीं है। वहीं वरिष्ठ नेता भी चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। 

Congress में जिताऊ उम्मीदवारों का टोटा

एक तरफ कांग्रेस ( Congress ) जल्द से जल्द उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी कर रही तो दूसरी तरफ उसके सामने जिताऊ उम्मीदवारों का टोटा नजर आ रहा है। कांग्रेस की कोशिश है कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा के बाद उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने भी उम्मीदवारों के जल्द ऐलान की बात कही है। कांग्रेस ने लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के पैनल भी तैयार कर लिए हैं। लेकिन समस्या ये है कि इन पैनल में मौजूदा विधायकों के नाम हैं। विधायक पांच महीने बाद ही दूसरे चुनाव में उतरने को तैयार नहीं हैं। विधायकों ने ऐ बात संगठन को भी बता दी है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कहते हैं कि कहीं कोई समस्या नहीं है। उम्मीदवारों का ऐलान जल्द होगा। 

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13 सीटों के पैनल में 14 विधायक, 1 महापौर

खरगोन- बाला बच्चन, केदार डाबर
मंदसौर- विपिन जैन
मुरैना- पंकज उपाध्याय
ग्वालियर- साहिब सिंह गुर्जर
शहडोल- फुंदेलाल मार्को 
मंडला- नारायण पट्टा
बालाघाट- मधु भगत,अनुभा मुंजारे
उज्जैन- महेश परमार
विदिशा – देवेंद्र पटेल
खंडवा- झूमा सोलंकी
धार- सुरेंद्र सिंह हनी बघेल
सतना- सिद्धार्थ कुशवाह
रीवा- महापौर अजय मिश्रा

नए चेहरों को भी मौका मिलना चाहिएः बघेल

राजपुर विधायक बाला बच्चन कहते हैं कि वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते, इस बारे में संगठन को भी बता दिया गया है। वे छह बार के विधायक हैं और बार-बार चुनाव लड़ने से जनता के बीच अच्छा मैसेज नहीं जाता। वे अपने क्षेत्र पर ही फोकस करना चाहते हैं। जो लड़ेगा उसे जिताएंगे। वहीं तराना विधायक महेश परमार ने कहा कि आज कल चुनाव बहुत खर्चीले हो गए हैं, वे चाहते हैं नए उम्मीदवार को मौका मिले। कुक्षी विधायक सुरेंद्र सिंह हनी बघेल ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते, नए चेहरों को भी मौका मिलना चाहिए। परसवाड़ा विधायक मधु भगत ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने पूरी ताकत लगा देंगे। सतना विधायक सिद्धार्थ कुशवाह ने कहा कि पार्टी कहेगी तो चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को जिताएंगे। 

जिसे पार्टी कहेगी, उसे लड़ना पड़ेगा

वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता भी चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। कमलनाथ कह चुके हैं कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। दिग्विजय सिंह ने भी कहा है कि वे राज्यसभा सांसद हैं इसलिए लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि, बाद में उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ गुना से चुनाव लड़ने को भी कहा। वहीं वरिष्ठ विधायक अजय सिंह और रामनिवास रावत भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे ये मुमकिन दिखाई नहीं देता। भंवर सिंह शेखावत भी चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि जीतू पटवारी कहते हैं कि जिसको पार्टी चुनाव लड़ने को कहेगी उनको चुनाव लड़ना होगा। 

बीजेपी के 29 सीटें जीतने के बयानों और प्रयासों से वैसे ही कांग्रेस मुश्किल में है उपर से मौजूदा विधायकों की मनाही ने उसकी और परेशानी बढ़ा दी है। नए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के लिए ये चुनाव अग्नि परीक्षा से कम नजर नहीं आते।

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