संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर नगर निगम वार्ड 44 की पार्षद निशा देवलिया (Councilor Devalia) का चुनाव जीरो होने के मामले में हाईकोर्ट इंदौर ने राहत देने साफ इंकार कर दिया। जिला कोर्ट के फैसले पर हाईकोर्ट ने स्टे नहीं दिया। हालांकि, उनकी रिवीजन अपील जरूर हाईकोर्ट ने स्वीकार कर ली है। मामले में सभी रिकार्ड तलब किए गए हैं और इसके बाद 29 अप्रैल को इसमें सुनवाई होगी।
दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने की पैरवी
चुनाव में दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस की नंदनी पिंटू मिश्रा को जिला कोर्ट ने निर्वाचित घोषित किया है। हाईकोर्ट में मिश्रा का पक्ष रखने के लिए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने खुद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तर्क रखे। हालांकि, लंबी सुनवाई नहीं हुई, क्योंकि हाईकोर्ट ने साफ कहा कि अभी रिकार्ड नहीं है, और बिना उनके अभी कोई राहत नहीं जा सकती है। उधर अब नंदनी मिश्रा ने मांग की है कि उन्हें अब पार्षद की शपथ दिलाई जाए, क्योंकि जिला कोर्ट का फैसला हुए दस दिन हो चुके हैं और हाईकोर्ट ने भी उनकी अपील पर कोई स्टे नहीं दिया है। उधर निशा देवलिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीयूष माथुर ने पैरवी की।
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संपत्तिकर चोरी का आरोप लगा है देवलिया पर
देवलिया की दो संपत्तियों को लेकर आरोप है कि उन्होंने अपने मकान का निर्माण नगर निगम रिकार्ड में कम बताते हुए संपत्तिकर की चोरी की है। उन्होंने अपने छोटी खजरानी के 1600 वर्गफीट के मकान को निगम रिकार्ड में केवल 200 वर्गफीट का और टिनशेड का बताया हुआ है और इसी का संपत्ति कर भर रही है। इसी तरह जगजीवनराम नगर के एक अन्य मकान को 600 वर्गफीट का बताया है जबकि यह 800 वर्गफीट का है।
जिला कोर्ट ने नगर पालिक एक्ट के तहत शून्य किया
जिला कोर्ट ने मप्र नगर पालिक एक्ट की धारा 441 के विविध प्रावधानों के तहत देवलिया का निर्वाचन शून्य घोषित किया है। साथ ही कोर्ट ने लिखित टिप्पणी की है कि पार्षद को अपने वार्ड के नागरिकों के लिए आदर्श होना होता है। संपत्तिकर, जलकर से ही नगर निगम को राजस्व मिलता है और काम होते हैं। देवलिया ने करप्ट प्रैक्टिस की है और संपत्तिकर नहीं भरा है।