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संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस (Congress) से दो बार के महू से विधायक अंतर सिंह दरबार शुक्रवार, 15 मार्च को बीजेपी में जा रहे हैं। उनके साथ ही पंकज संघवी के भी बीजेपी में जाने की चर्चा है। वहीं कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में जाने के बीच कुनबा बचाने में जुट गई है और इसके लिए उसे फिर निष्कासित नेता याद आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण महू से लेकर देपालपुर तक कई नेताओं को बाहर किया था। अब महू में निष्कासित आठ नेताओं का निष्कासन निरस्त कर फिर से पार्टी में लेने का आदेश जारी हो गया है।
इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सदाशिव यादव की तरफ से निष्कासन रद्द करने का पत्र जारी हुआ है। उन्होंने 'द सूत्र' से कहा कि हां दरबार के बीजेपी में जाने का है, लेकिन वह अब वैसे भी कांग्रेस के साथ नहीं थे। हमने अपने कुछ नेताओं को वापस पार्टी में लिया है और उनका निष्कासन रद्द कर दिया है। पत्र में लिखा है कि विधानसभा चुनाव 2023 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जिन नेताओं का निष्कासन किया गया है, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देशानुसार इंदौर जिला कांग्रेस द्वारा निष्कासन निरस्त किया जाता है।
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कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अंतरसिंह दरबार की मदद करने का आरोप इन नेताओं पर लगा था। तब कहा गया था कि ये नेता कांग्रेस प्रत्याशी की मदद नहीं कर रहे हैं। दरबार का सहयोग कर कांग्रेस प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पार्टी विरोधी गतिविधि के मद्देनजर इन नेताओं को तब निष्कासित कर दिया गया।
इसी तरह देपालपुर में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण मोती सिंह पटेल को बाहर किया गया था। लेकिन जैसे ही पूर्व विधायक विशाल पटेल ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा, अगले ही दिन कांग्रेस ने मोती सिंह को वापस पार्टी में ले लिया और निष्कासन रद्द कर दिया।