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INDORE NEWS: दिल्ली ब्लास्ट में महू का कनेक्शन सामने आने के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी और अल-फलाह चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को राहत मिली है। उन्हें तीन दिन में मकान तोड़ने का नोटिस मिला था। इंदौर हाईकोर्ट की बेंच ने इस मामले में 15 दिन का स्टे (रोक) लगा दिया है।
इसमें जवाद सिद्दीकी के वकील अजय बागडिया ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद जस्टिज श्री प्रणय वर्मा ने उन्हें अंतरिम राहत दी। अब जवाद को मकान तोड़ने के मामले में 15 दिन और मिल गए हैं।
यह था मामला
दिल्ली में हुए आतंकी हमले की जांच के दौरान महू का कनेक्शन सामने आया। इसके बाद छावनी परिषद (कैंट बोर्ड) ने जवाद अहमद सिद्दीकी को नोटिस जारी किया।
जवाद अल-फलाह चेरिटेबल ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी के चेयरमैन हैं। उन्हें मुकेरी मोहल्ले में स्थित अपने पुस्तैनी मकान पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण को लेकर नोटिस मिला।
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परिषद की चेतावनी
परिषद ने साफ चेतावनी दी थी कि यदि तीन दिन के भीतर स्वयं अवैध निर्माण नहीं हटाया गया, तो प्रशासन बुलडोजर की कार्रवाई करेगा।
इस नोटिस के खिलाफ जवाद अहमद सिद्दीकी ने वकील अजय बागडिया के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर 15 दिन का स्टे दिया गया है।
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कौन हैं जवाद अहमद सिद्दीकी?
जवाद अहमद सिद्दीकी वही हैं, जिनके भाई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके भाई पर दिल्ली आतंकी हमले, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य गंभीर आरोप थे।
दूसरी तरफ, जवाद के छोटे भाई हमूद अहमद सिद्दीकी हाल ही में हैदराबाद से पकड़े गए। वह 25 साल से फरार था और उस पर ठगी, सांप्रदायिक दंगा भड़काने और हत्या के प्रयास जैसे आरोप थे। उस पर 10 हजार रुपये का इनाम भी था।
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