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चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारियों और प्रमुख सचिव संदीप यादव एवं आयुक्त स्वास्थ्य तरूण राठी के बीच 21 फरवरी 2025 को बैठक हुई। इसमें चिकित्सकों की प्रमुख मांगों पर सहमति बनी और 7 मार्च 2025 को उच्च स्तरीय बैठक तय की गई। महासंघ के पदाधिकारियों ने सभी निर्णयों पर हस्ताक्षर किए और आंदोलन को आगामी सूचना तक स्थगित कर दिया।
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चिकित्सकों की प्रमुख मांगों पर सहमति
21 फरवरी 2025 को चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारियों की प्रमुख सचिव संदीप यादव और आयुक्त स्वास्थ्य तरूण राठी के साथ बैठक हुई। बैठक में चिकित्सकों के सभी प्रमुख मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई और समय सीमा में क्रियान्वयन पर सहमति बनी।
07 मार्च को होगी उच्च स्तरीय बैठक
बैठक में तय हुआ कि 07 मार्च 2025 को उच्च स्तरीय समिति की बैठक आयोजित होगी। इसमें चिकित्सकों के लंबित मुद्दों के समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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DACP का लाभ देने पर सहमति
1. स्वास्थ्य विभाग के सभी चिकित्सकों को DACP (Dynamic Assured Career Progression) का लाभ देने की सहमति बनी।
2. चिकित्सकों के वेतनमान (Pay Scale) से संबंधित आदेश जारी करने पर सहमति बनी।
3. ACR (Annual Confidential Report) पुनः परीक्षण के बिना ही DACP आदेश जारी करने पर चर्चा हुई।
4. कोविड काल (Covid Period) की 3 वर्षों की ACR को ‘बहुत अच्छा’ (क) मानकर DACP देने पर चर्चा हुई, इस पर निर्णय अगली बैठक में लिया जाएगा।
5. SC/ST वर्ग के चिकित्सकों को ACR में 13 अंकों की जगह 10 अंक पर DACP का लाभ देने पर विचार किया गया।
आंदोलन स्थगित करने का फैसला
बैठक में महासंघ के प्रमुख पदाधिकारियों डॉ. राकेश मालवीया, डॉ. गजेंद्र नाथ कौशल, डॉ. दिनेश मांडवे, डॉ. राहुल रोकड़े, डॉ. अशोक ठाकुर, डॉ. संजीव जयंत, डॉ. आदित्य सक्सेना, डॉ. कुलदीप गुप्ता और मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (MOA) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. आर.सी. वर्मा ने निर्णयों पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद महासंघ ने आंदोलन को आगामी सूचना तक स्थगित करने का निर्णय लिया।
एमपी के 15 हजार डॉक्टर्स थे हड़ताल पर
MP के सभी जिलों के 15 हजार सरकारी डॉक्टर ने 24 और 25 फरवरी को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की चेतावनी दी थी। हालांकि, एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद, कुछ दिनों के लिए डॉक्टर्स ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है।
चिकित्सकों की थी ये प्रमुख मांगे
1- मंत्रिपरिषद की 4 अक्टूबर की बैठक के निर्णयों को तत्काल लागू किया जाए।
2-नीतिगत, तकनीकी और चिकित्सकीय विषयों के निर्धारण के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाए, जिसमें महासंघ के पदाधिकारी व विभागीय अधिकारी शामिल हों।
3- चिकित्सा शिक्षकों को सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ और मूल वेतन का पुनर्निर्धारण दिया जाए।
4-समयमान और चयन वेतनमान के आदेश एक माह में लागू किए जाएं।
5- स्वीकृत वेतनमान संबंधी आदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
6- लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रशासनिक हस्तक्षेप समाप्त किया जाए।
7- प्रशासनिक पदों पर वरिष्ठता के आधार पर तकनीकी विशेषज्ञ चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति हो।
8-चिकित्सकों और जूनियर डॉक्टरों को कार्यस्थल पर सुरक्षा व अनुकूल वातावरण दिया जाए।
9- चिकित्सकों की मूलभूत समस्याओं का समयबद्ध समाधान किया जाए।