मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के सिकरौदा गांव में सोमवार को पुलिस और ग्रामीणों के बीच बड़ा विवाद हो गया, जब जौरा पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया गया। यह घटना उस समय हुई जब पुलिस दूल्हे को लूट के संबंध में पूछताछ करने के लिए थाने ले जा रही थी। लेकिन जैसे ही पुलिस गाड़ी गांव पहुंची, परिजनों और गांववासियों ने विरोध करना शुरू कर दिया, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया और पुलिस को दूल्हे को छोड़ना पड़ा।
सिकरौदा गांव में स्थिति तनावपूर्ण
सिकरौदा गांव के निवासी भोरु रावत के बेटे संदीप रावत की बारात रुगघान (रामपुर रोड) गांव के लिए निकलने वाली थी। शादी की तैयारियां जोरों पर थीं, लेकिन इसी दौरान जौरा पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और दूल्हे से थाने चलने के लिए कहा। पुलिस ने दूल्हे को लूट की घटना से जुड़ी जांच के लिए बुलाया था। यह घटना उस समय घटी, जब दूल्हे की शादी के दिन पुलिस को लूट के आरोपित सुनील रावत के बारे में जानकारी जुटाने का निर्देश था।
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पुलिस पर जबरन थाने ले जाने का आरोप
दूल्हे को थाने ले जाने के आदेश से परिजन गुस्से में आ गए, और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। महिला रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने दूल्हे को जबरन पीटा और थाने ले जाने की कोशिश की। गुस्साई महिलाओं ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे पुलिस की गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। पथराव में थाना प्रभारी उदयभान सिंह यादव की स्कॉर्पियो, एक जीप और 100 डायल के शीशे टूट गए। यह दृश्य देखकर आसपास अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पुलिस कार्रवाई का विरोध करने पहुंच गए थाने
इसके बावजूद, पुलिस ने दूल्हा संदीप को थाने ले जाने का फैसला किया। इस कदम से स्थानीय लोग और रिश्तेदारों में नाराजगी और बढ़ गई, और वे बड़ी संख्या में थाने पहुंच गए। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस ने अंततः संदीप को छोड़ दिया। इसके बाद ही बारात को आगे बढ़ने का मौका मिला।
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लूट की घटना से जुड़ी जांच
पिछले कुछ समय में मुरैना जिले के सबलगढ़ में एक व्यापारी से 6,50,000 रुपए लूटे गए थे। बताया गया कि इस लूट की घटना में सुनील रावत नामक व्यक्ति शामिल था, जो रामपुर क्षेत्र का निवासी था। इस घटना के बाद, सुनील रावत का पता नहीं चल पाया था और पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
अब, दूल्हे संदीप की शादी उसी सुनील रावत की भतीजी से हो रही थी, इसलिए पुलिस ने संदीप को थाने बुलाकर लूट की घटना से संबंधित जानकारी जुटाने का प्रयास किया था। हालांकि, जैसे ही विरोध बढ़ने लगा और स्थिति बिगड़ने की आशंका हुई, पुलिस ने दूल्हे को छोड़ दिया और इस मामले को बंद कर दिया।
एसपी समीर सौरभ का बयान
एसपी समीर सौरभ ने इस घटना पर कहा कि जैसे ही मुझे जानकारी मिली कि दूल्हे की शादी है, मैंने थाना प्रभारी को आदेश दिया कि उसे तुरंत छोड़ दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं का उग्र होना स्वाभाविक था। पुलिस को इस दौरान मानवीय संवेदनाओं का ध्यान रखना पड़ा।