मध्य प्रदेश मंत्रालय 1 जनवरी से ई-ऑफिस व्यवस्था लागू कर पेपरलेस होगा। दस्तावेज़ स्कैनिंग, फाइल मूवमेंट डिजिटल, और रिकॉर्ड सुरक्षित बनाने की प्रक्रिया जारी।
मध्य प्रदेश सरकार 1 जनवरी से ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने जा रही है। इस नई प्रणाली के तहत मंत्रालय पूरी तरह पेपरलेस हो जाएगा। फाइलों का भौतिक मूवमेंट बंद कर सभी दस्तावेजों को स्कैन कर ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है।
ई-ऑफिस के लाभ
डिजिटल रिकॉर्ड की सुरक्षा।
किसी अग्निकांड या दुर्घटना में रिकॉर्ड नष्ट होने पर इसे आसानी से रिकवर किया जा सकेगा।
वित्त, वन, कृषि, राजस्व, और पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग पहले से ई-ऑफिस 7.0 वर्जन पर काम कर रहे हैं। नगरीय प्रशासन, जल संसाधन, स्कूल शिक्षा, और अन्य विभागों में भी दस्तावेज़ डिजिटल करने का कार्य तेजी से चल रहा है।
ई-ऑफिस: भविष्य की ओर कदम
मध्य प्रदेश में ई-ऑफिस व्यवस्था न केवल कार्यक्षमता बढ़ाएगी बल्कि पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी। यह पहल डिजिटल इंडिया के तहत सरकारी कार्यप्रणाली को आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
FAQ
ई-ऑफिस क्या है?
ई-ऑफिस एक डिजिटल प्रणाली है, जिसके तहत सरकारी फाइलें और दस्तावेज़ ऑनलाइन मैनेज किए जाते हैं।
ई-ऑफिस कब से लागू होगी?
मध्य प्रदेश मंत्रालय में यह व्यवस्था 1 जनवरी से लागू होगी।
ई-ऑफिस के प्रमुख लाभ क्या हैं?
डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षा, ऑटो सेव फीचर, और पेपरलेस कार्यप्रणाली।
कौन से विभाग पहले से ई-ऑफिस पर काम कर रहे हैं?
वित्त, वन, कृषि, और पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग पहले से इस प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं।