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BHOPAL.सड़कों की बदहाली को लेकर लोगों की नाराजगी झेल रही सरकार अब इंजीनियरों की क्लास लगा रही है। सड़कों की गुणवत्ता में सुधार के साथ उन्हें टिकाऊ बनाने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ उन्हें कैपेसिटी बिल्डिंग का पाठ पढ़ा रहे हैं।
राजधानी की प्रशासन अकादमी में प्रदेश के 600 इंजीनियरों को प्रशिक्षण कार्यशाला में शामिल किया गया है। इस दौरान उन्हें सड़क निर्माण में उपयोग की जा रही नई तकनीकों से भी अवगत कराया जा रहा है।
बारिश के बाद मध्य प्रदेश में सड़कों की बदहाली को लेकर लोग नाराज है। सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं और आवागमन दुश्वार हो रहा है। सड़कों की बदहाली के कारण हादसे भी बढ़ गए हैं। सरकार को भी सड़कों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने इंजीनियरों की दक्षता बढ़ाने की पहल की है। इसकी जिम्मेदारी आईआईटी इंदौर, आईआईटी रुड़की, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक्सपर्ट को दी गई है। भोपाल के आरसीव्हीपी नरोन्हा मप्र प्रशासन अकादमी में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा चुका है।
600 इंजीनियरों को दिया प्रशिक्षण
कैपेसिटी बिल्डिंग (दक्षता वर्धन) कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न संभागों में कार्यरत 600 इंजीनियरों को विशेषज्ञों ने आधुनिक तकनीक के उपयोग से गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण के गुर सिखाए हैं। इस दौरान उन्हें सड़कों के लिए बदल रहे एसओआर और नई एसओआर सूची में निर्माण से संबंधित सामग्री को 309 से बढ़ाकर 817 करने की जानकारी भी दी गई। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग आयुक्त संकेत भोंडवे ने इंजीनियर, असिस्टेंट और सब इंजीनियरों के साथ ही डीपीआर कंसल्टेंट को भी सड़क निर्माण की प्रमुख तकनीकी के बारे में बताया।
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सड़क निर्माण के लिए न काटें पेड़
कार्यशाला में आईआईटी इंदौर, आईआईटी रुड़की, सीआरआरआई, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ प्रमुख रोड कंसल्टेंट एवं इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी रोडिक के एक्सपर्ट ने भी इंजीनियरों का मार्गदर्शन किया। वहीं नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने इंजीनियरों से सड़क की डीपीआर में कंस्ट्रक्शन साइट पर स्थित वृक्षों की कटाई के स्थान पर शिफ्टिंग का आव्हान किया। कार्यशाला में राजधानी की सड़कों को गुणवत्तापूर्ण बनाने पर भी चर्चा हुई।
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सीखे क्वालिटी और मैनेजमेंट के गुर
कार्यशाला में सड़क निर्माण कार्य से जुड़े विषय विशेषज्ञों ने जानकारियां दीं। आईआईटी इंदौर और रूडकी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, CRRI के एक्सपर्ट्स ने प्रजेंटेशन दिया। इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन टेक्निक, क्वॉलिटी कंट्रोल, टेस्टिंग लैब की प्रक्रिया, डिजिटल प्रोजेक्ट मेनेजमेंट, रीयल टाइम मॉनिटरिंग, नगरीय सड़कों की सुरक्षा, सड़क निर्माण में वेस्ट मटेरियल के उपयोग के बारे में भी बताया गया।