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BHOPAL. मध्य प्रदेश के एक और अधिकारी पर हाईकोर्ट ने नाराजगी दिखाई है। जबलपुर हाईकोर्ट ने रायसेन कलेक्टर के हाजिर नहीं होने पर 25 हजार का वारंट जारी किया है। वहीं कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा को 22 सितम्बर को हाजिर रहने का आदेश हाईकोर्ट ने जारी किया है। कलेक्टर के इस व्यवहार पर हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से भी जवाब तलब किया है।
इसलिए हाईकोर्ट ने दिखाई नाराजगी
रायसेन जिले में पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे से संबंधित प्रकरण में रेवेन्यू बोर्ड के आदेश का पालन न करने पर रायसेन कलेक्टर के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसी मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा को 19 सितम्बर को हाजिर रहकर जवाब पेश करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद कलेक्टर सुनवाई में नहीं पहुंचे और इस प्रकरण में अपील दायर करने का जवाब वकील के जरिए भेजा था।
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डीजीपी को वारंट तामीली के आदेश
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद कलेक्टर सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहे। उनके द्वारा भेजा गया जवाब कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाया। इससे नाराज हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा को 22 सितम्बर को उपस्थित रहने का आदेश दिया है। इसके लिए हाईकोर्ट ने 25 हजार रुपए का वारंट जारी कर उसकी तामीली के निर्देश डीजीपी को दिए हैं।
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प्रमुख सचिव से किया जवाब तलब
रायसेन कलेक्टर द्वारा पहले रेवेन्यू बोर्ड के आदेश की अनदेखी और फिर 19 सितम्बर को आदेश के बावजूद उपस्थित न रहने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने कलेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे अधिकारी के व्यवहार को गैरजिम्मेदाराना मानते हुए राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से भी इस पर जवाब तलब किया है। यह जवाब उन्हें 22 सितम्बर तक देना है।