ईएसबी ने निरस्त किया 109 अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम

मध्‍य प्रदेश । वन रक्षक, क्षेत्र रक्षक, जेल प्रहरी और सहायक जेल अधीक्षक भर्ती 2023 के 109 अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका लगा है। आठ महीने से परीक्षा परिणाम रोककर रखने के बाद अब कर्मचारी चयन मंडल ने उनकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी है।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. वन रक्षक, क्षेत्र रक्षक, जेल प्रहरी और सहायक जेल अधीक्षक भर्ती 2023 के 109 अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका लगा है। आठ महीने से परीक्षा परिणाम रोककर रखने के बाद अब कर्मचारी चयन मंडल ने उनकी उम्मीदवारी निरस्त कर दी है। यानी परीक्षा परिणाम आने और नियुक्ति मिलने की आस लगाए बैठे अभ्यर्थियों की उम्मीद टूट गई है। मंडल ने परीक्षा परिणाम को निरस्त करने की वजह स्पष्ट नहीं की है केवल परीक्षार्थियों को यूएफएम यानी अनफेयर मीन्स का दोषी बताया है। यानी परीक्षा देने के दौरान उम्मीदवारों द्वारा किसी प्रकार के अनुचित साधन का उपयोग करना है। कर्मचारी चयन मंडल यानी ईएसबी के इस निर्णय से साल भर से परिणाम का इंतजार कर रहे परीक्षार्थियों में नाराजगी है और वे उनकी परीक्षा को यूएफएम घोषित कर परिणाम निरस्त करने की वजह जानना चाहते हैं।

ये है मामला

कर्मचारी चयन मंडल द्वारा साल 2023 में वन विभाग के लिए वन रक्षक और क्षेत्र रक्षक जबकि जेल विभाग के लिए जेल प्रहरी और सहायक जेल अधीक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा का परिणाम साल 2024 में जारी किया गया था। जिसमें 109 अभ्यर्थियों के परिणाम को विथ हेल्ड कर दिया गया था यानी रोक दिया गया था। परिणाम रोके गए इन अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी शामिल किया गया था। आठ माह तक परिणाम रुका होने की वजह से अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिल पा रही थी। इसको लेकर अभ्यर्थी ईएसबी के चक्कर लगाने के बाद हाईकोर्ट जबलपुर भी पहुंचे थे। अब एक बार फिर ईएसबी की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। 

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दोषी बताया, वजह छिपाई

अनफेयर मीन्स बताकर जिन 109 अभ्यर्थियों की परीक्षा निरस्त की गई है वे इसकी वजह जानने के लिए परेशान हैं। अभ्यर्थियों का कहना है साल भर से कर्मचारी चयन मंडल उनका परिणाम रोककर जांच कराता रहा। अब उनकी उम्मीदवारी ही निरस्त कर दी गई है, लेकिन इसका कारण नहीं बताया जा रहा है। मंडल ने केवल इतना बताया है कि नियम पुस्तिका के नियम 3.10 (अ) के बिंदु 10 के तहत अभ्यर्थिता निरस्त की जाती है। इस नियम के तहत उन पर परीक्षा की शुचिता को नुकसान पहुंचाने का दोषी बताया गया है। ईएसबी को स्पष्ट करना चाहिए कि किस अभ्यर्थी ने कैसे परीक्षा की शुचिता को नुकसान पहुंचाया है। उसने नकल की है तो परीक्षा कक्ष के सीसीटीवी कैमरे या उसकी कॉपी की जांच की गई तो प्रमाणित प्रतियां दिखाना चाहिए। जिस तरह दोषी बताया गया वह युवाओं के साथ अन्याय है।  

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हाईकोर्ट तक गया था मामला

कर्मचारी चयन मंडल द्वारा वन रक्षक जेल प्रहरी परीक्षा के परिणाम को लंबे समय तक जारी नहीं किया गया था। यह परीक्षा प्रदेश के 13 शहरों में आयोजित की गई थी। 13 दिसम्बर 2024 को परीक्षा का परिणाम जारी किया गया था जिसमें 109 अभ्यर्थियों के परिणाम को विथ होल्ड कर दिया गया यानी रोक दिया गया था। तब भी ईएसबी ने कारण स्पष्ट नहीं किया था। हाईकोर्ट द्वारा एक माह में परिणाम जारी करने के आदेश के बाद उम्मीद से भरे अभ्यर्थियों ने अपील वापस ले ली थी। जिसके बाद ईएसबी ने सभी की अभ्यर्थिता ही निरस्त कर दी है।

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