इंदौर में बीजेपी विधायकों, नगर अध्यक्ष की बात नहीं मानी तो हड़ताली DAVV कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई, 2 कर्मचारी नेता निलंबित
डीएवीवी के सेल्फ फाइनेंस के कर्मचारियों द्वारा 20 दिन से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है। उसे समाप्त करवाने को लेकर बीजेपी के विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला और नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा यूनिवर्सिटी परिसर में पहुंचे थे।
इंदौर में डीएवीवी के सेल्फ फाइनेंस के कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन 20 दिन से जारी है। इसमें सोमवार को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ। जिसमें दो विधायक और नगर अध्यक्ष कर्मचारियों पर दबाव बनाकर विवाद को शांत कराने पहुंचे थे। उनकी दबाव की राजनीति काम नहीं आई और कर्मचारियों ने आंदोलन बदस्तूर जारी रखा। इसके परिणामस्वरूप मंगलवार को हड़ताली कर्मचारियों पर डीएवीवी प्रबंधन ने गाज गिरा डाली। इसमें जहां दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया तो बाकी के हड़ताली कर्मचारियों का वेतन काटने के आदेश जारी कर दिए गए।
विधायकों संग बैठक बेनतीजा निकली थी
डीएवीवी के सेल्फ फाइनेंस के कर्मचारियों द्वारा 20 दिन से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की जा रही है। उसे समाप्त करवाने को लेकर बीजेपी के विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला और नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा सोमवार को आरएनटी मार्ग स्थित यूनिवर्सिटी परिसर में पहुंचे थे। यहां कुलपति डॉ. राकेश सिंघई के सामने डीएवीवी स्ववित्त संस्थान कर्मचारी गैर शिक्षक संघ के महासचिव गजेंद्र परमार ने गलती मानते हुए माफीनामा लिख दिया था। बाद में जब उन्हीं की संस्था के अध्यक्ष दीपक सोलंकी ने उनसे किनारा किया, तो परमार ने भी दबाव में माफीनामा लिखवाए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर मैसेज डाला। जिसे बाद में उन्होंने डिलीट भी कर दिया था।
अखिल भारतीय विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ के सचिव और डीएवीवी स्ववित्त संस्थान कर्मचारी गैर शिक्षक संघ के अध्यक्ष दीपक सोलंकी को विधायक और नगर अध्यक्ष की बात नहीं मानना भारी पड़ गया। मंगलवार को डीएवीवी के कुलपति ने सोलंकी और एक अन्य कर्मचारी सोहेल खान को कदाचरण के आरोपों में निलंबित कर दिया। दोनों को सुगनीदेवी कॉलेज में अटैच कर दिया है। साथ ही 5 मई 2025 से हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का वेतन काटे जाने को लेकर भी आदेश जारी कर दिया।
धरना प्रदर्शन में शामिल सभी कर्मचारियों का वेतन काटने के आदेश
कर्मचारी नेता दीपक सोलंकी को जारी किए गए पत्र में लिखा है कि–
स्ववित्त आधार पर स्वीकृत पदों पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों की सेवाओं से संबंधित परिनियम-39 के बिंदु क्रमांक 10 के अंतर्गत आप निम्नानुसार कदाचारों के दोषी पाए गए हैं:
1. विश्वविद्यालय आवासीय परिसर में निवास करते हुए, वहां विद्युत मीटर का किराया कई वर्षों से जमा नहीं किया गया, जबकि आपको कई बार नोटिस भी दिए गए थे। आपने नोटिसों को नजरअंदाज कर दिया। इस प्रकार कार्यालयीन आदेशों की अवहेलना की गई।
2. आपके द्वारा जबरिया ताले तोड़कर कार्यालयीन संपत्ति पर कब्जा किया गया। इस संबंध में मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, जो आपके कदाचार को प्रमाणित करता है।
3. आपने विभिन्न पत्रों के माध्यम से संस्था में विद्वेष एवं तनाव उत्पन्न करने की कोशिश की तथा कुछ पत्रों में कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरुद्ध अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया।
4.आपने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर एवं झूठे आरोप लगाकर विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध सोशल मीडिया एवं अन्य मंचों पर दुष्प्रचार किया, जिससे विश्वविद्यालय की छवि को हानि पहुंची है। यह भी कदाचार की श्रेणी में आता है।
5. उपर्युक्त सभी कृत्य परिनियम-39 के बिंदु क्रमांक 10 की कोटिका (क), (ख), (ग), (घ), (ङ) के अंतर्गत कदाचार की श्रेणी में आते हैं। अतः आपको तत्काल प्रभाव से सेवा से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में नियमानुसार आपको जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। निलंबन के दौरान आप अपनी उपस्थिति प्रातः सुगनीदेवी कॉलेज इंदौर में प्रतिदिन दर्ज कराएं।
प्रदर्शन में भाग ले रहे एक अन्य कर्मचारी सोहेल खान को जारी किए गए पत्र में लिखा है कि–
स्ववित्त आधार पर स्वीकृत पदों पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों की सेवाओं से संबंधित परिनियम-39 के बिंदु क्रमांक 10 की कोटिका ख, ग, घ, ड के अंतर्गत आप निम्नानुसार कदाचारों के दोषी पाए गए हैं:
1.आपके द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न कार्यालयीन आदेशों की अवहेलना करते हुए कार्यशैली अपनाई गई, जिससे संस्थान में अनुशासनहीनता की स्थिति उत्पन्न हुई।
2.आपने प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ अनुचित व्यवहार किया, जिससे कार्यस्थल का वातावरण दूषित हुआ।
3.आपके द्वारा ऐसे विभिन्न पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें तथ्यहीन एवं भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की गई, जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई।
4.विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध सोशल मीडिया एवं अन्य मंचों पर गलत सूचनाएं प्रचारित की गईं।
5. आपके द्वारा किए गए उपरोक्त कृत्य परिनियम-39 के अंतर्गत कदाचार की श्रेणी में आते हैं। अतः आपको तत्काल प्रभाव से सेवा से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में नियमानुसार आपको जीवन निर्वाह भत्ता देय रहेगा। निलंबन के दौरान आप अपनी उपस्थिति प्रतिदिन प्रातः सुगनीदेवी कॉलेज इंदौर में दर्ज कराएं।