INDORE. तेज आवाज पर अब सख्ती के लिए जिला प्रशासन मैदान में उतर आया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने इस मामले में गुरुवार को ही प्रतिबंधात्मक धारा के तहत आदेश जारी कर रात 10 से सुबह 6 बजे तक तेज आवाज पर रोक लगा दी है। वहीं अन्य आयोजन में भी बिना मंजूरी तेज आवाज पर प्रतिबंध के आदेश हो गए हैं। अब इसमें सख्ती भी शुरू हो गई है और तेज आवाज के चलते दो डीजे वाले बाबुओं पर केस दर्ज हो गया है।
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क्लब में तेज आवाज में बज रहा था
1. विजनयगर थाना क्षेत्र में आरके क्लब में तेज आवाज में डीजे बज रहा था। इनके पास किसी तरह की मंजूरी नहीं थी। इस पर पुलिस ने डीजे संचालक ओमप्रकाश उर्फ प्रेम शाही के खिलाफ केस दर्ज किया है। उन पर धारा 188 आईपीसी, कोलाहल एक्ट 1985 की धारा 16 (3) में केस हुआ है।
2. इसी तरह कनाडिया थाना में शुभमंगल गार्डन में तेज आवाज में डीजे के कारण नितिन पिता नंदकिशोर लोधवाल पर धारा 233 व मप्र कोलाहल एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
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निगम के एप पर कर सकते हैं शिकायत
वहीं कलेक्टर ने शुक्रवार को डीजे संचालकों को बैठक लेकर समझाइश भी दी है कि वह सख्ती से आदेश का पालन करें, नहीं तो कार्रवाई में कोई ढील नहीं मिलेगी। वहीं तय हुआ है कि आमजन पुलिस कंट्रोल रूम के साथ ही अब निगम के एप 311 पर भी शिकायत कर सकेंगे। इस पर क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट व पुलिस द्वारा एक्शन लिया जाएगा।
6 फरवरी को जारी हुए थे आदेश
ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव ने पद संभालते ही पहला आदेश जारी किया था। मस्जिदों से हटाए भी, लेकिन ध्वनि प्रदूषण पर रोक के आदेश केवल कागजों में ही रहे। शहर में जमकर डीजे, लाउडस्पीकर और अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र चल रहे हैं। उधर बोर्ड परीक्षाओं का सीजन शुरू हो गया है और बच्चे परेशान हैं। इस पर कलेक्टर ने 6 फरवरी को प्रतिबंधात्मक आदेश दिए थे।
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आदेश के तहत यह है
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत आदेश में है कि...
- जिले में उत्सव, आयोजन के दौरान लाउड स्पीकर, डीजे, बैंड, प्रेशर हार्न व अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग बिना प्राधिकारी की मंजूरी के नहीं होगा।
2. ध्वनि मानकों का पालन होगा, सभी प्रावधानों में मध्यम आकार के दो डीजे व लाउडस्पीकर की मंजूरी ही जारी होगी। साथ ही वेंडर द्वारा आयोजन के लिए दो डीजे, लाउडस्पीकर से ज्यादा किराए पर नहीं दिए जाएंगे।
3. रात 10 से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार के लाउडस्पीकर, डीजे आदि का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
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अकसर होता है आदेश का उल्लंघन
भले ही प्रतिबंधात्मक धाराओं में यह आदेश जारी हुआ है, लेकिन देखने में आया है कि इसका पालन कराना किसी के भी बूते के बस में नहीं रहा है। खासकर नेताओं के किसी भी आयोजन में यह पालन नहीं होता है और जमकर डीजे बजते हैं। ना ही डीजे, लाउडस्पीकर जब्त किए जाते हैं।