Harda Blast: पटाखा कारोबारी को स्टे देना इंदौर संभागायुक्त मालसिंह को पड़ा भारी, हटाए गए,  सिंह नए संभागायुक्त

कलेक्टर ऋषि गर्ग ने पटाखा फैक्टरी सील करने के आदेश दिए थे। फैक्टरी मालिक राजेश अग्रवाल ने इस आदेश के खिलाफ संभागायुक्त नर्मदापुरम (मालसिंह) की कोर्ट में अपील दायर की थी। उन्होंने इस शर्त पर स्टे दिया था कि अग्रवाल एक महीने के भीतर नियमों का पालन कर लेगा।

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Jitendra Shrivastava
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संजय गुप्ता, INDORE. 'द सूत्र' ने हरदा ब्लास्ट ( Harda Blast) के बाद ही तत्कालीन नर्मदापुरम संभागायुक्त मालसिंह भायड़िया द्वारा स्टे दिए जाने और इसके बाद उनके इंदौर संभागायुक्त पद पर खतरा मंडराने का खुलासा कर दिया था। आखिर वही हुआ। जांच रिपोर्ट पेश होने से पहले ही मप्र सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया और ग्वालियर संभागायुक्त व इंदौर में एडीएम व आईडीए सीईओ रह चुके दीपक सिंह को इंदौर संभागायुक्त का जिम्मा सौंपा गया है। 

संभागायुक्त रहते हुए मालसिंह ने यह किया था 

हरदा ब्लास्ट ( Harda Blast News ) से इंदौर संभागायुक्त आईएएस मालसिंह भायडिया भी मुश्किल में आ गए थे। इस फैक्टरी ( harda-factory-blast )को फिर से खोलने का आदेश इनके स्टे के चलते ही हुआ था। 11 लोगों की जान लेने वाली राजेश और सोमेश अग्रवाल की फैक्टरी सितंबर 2022 को हरदा जिला प्रशासन ने बंद करा दी थी, क्योंकि यहां नियमों का पालन नहीं हो रहा था। लेकिन तत्कालीन संभागायुक्त रहते हुए मालसिंह भायडिया ( Indore Divisional Commissioner IAS Malsingh Bhaydia )ने फैक्टरी मालिक के आवेदन पर प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगा दी और फैक्टरी खुल गई ( Harda accident )।

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राजेश अग्रवाल ने संभागायुक्त नर्मदापुरम (मालसिंह) की कोर्ट में अपील की थी

तत्कालीन हरदा एसडीएम श्रुति अग्रवाल ने सुरक्षा मानक पूरे नहीं करने पर जांच रिपोर्ट कलेक्टर को दी, कलेक्टर ऋषि गर्ग ने सील करने के आदेश दे दिए। फैक्टरी बंद होने के बाद 26 सितंबर 2022 को राजेश अग्रवाल ने कलेक्टर के आदेश के खिलाफ संभागायुक्त नर्मदापुरम (मालसिंह) की कोर्ट में अपील दायर की। अपील सुनने के बाद 14 अक्टूबर को उन्होंने कलेक्टर के फैक्टरी बंद( harda factory blast )करने के आदेश पर मालिक अग्रवाल को इस शर्त के साथ स्टे दे दिया कि वह एक महीने के भीतर नियमों का पालन करेगा। अग्रवाल को अगली सुनवाई तक के लिए राहत मिल गई। उसने फिर फैक्ट्री खोल ली। इसके बाद ना कलेक्टर कार्यालय की और ना ही संभागायुक्त दफ्तर की की ओर से किसी ने झांका तक नहीं कि फैक्टरी में क्या हो रहा है और स्टे व अन्य सुनवाई व कार्रवाई का क्या हुआ।

रुटीन अपील में था यह केस-मालसिंह

वहीं मालसिंह का कहना था कि यह दो साल पुराना केस है, मेरी कोर्ट में रूटीन अपील में आया था। कलेक्टर को इनका पक्ष सुनकर नियमानुसार निराकरण करने के निर्देश दिए थे। दिवाली की वजह से सिर्फ अगली पेश तक स्टे दिया था, ना कि फैक्टरी को पूरी तरह से खोलने के लिए कहा था।

 

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