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Photograph: (THESOOTR)
ओमपाल कौरव@GWALIOR.
ग्वालियर कीटनाशक दवा हादसा: गोला का मंदिर क्षेत्र के जडेरुआ इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी है। यहां की एक परिवार के दो बच्चों की कीटनाशक से निकली जहरीली गैस के कारण मौत हो गई।
3 साल के वैभव और 13 साल की छाया की मौत के बाद उनके माता-पिता की हालत भी गंभीर बनी हुई है। यह घटना ग्वालियर के जडेरुआ इलाके में स्थित एक मकान में हुई, जहां सतेंद्र शर्मा और उनका परिवार किराए पर रहता था।
सतेंद्र शर्मा की बेटी क्षमा और बेटा वैभव भी कीटनाशक से मौत का शिकार हुए। पहले तीन साल के वैभव ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। वहीं, क्षमा ने मंगलवार, 4 नवंबर को रिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अब पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
भाई-बहन की मौत, माता-पिता गंभीर
ग्वालियर के गोला का मंदिर क्षेत्र में एक और मासूम की कीटनाशक से निकली जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई है। यह घटना ग्वालियर के जडेरुआ इलाके में एक मकान में हुई, जहां सतेंद्र शर्मा अपने परिवार के साथ किराए पर रहते थे। घटना में 13 वर्षीय छाया की मौत हो गई है, जबकि इससे पहले उसके 3 वर्षीय भाई वैभव की भी मौत हो चुकी है।
इस हादसे में प्रभावित हुए माता-पिता की हालत गंभीर बनी हुई है। वे रिम्स अस्पताल में इलाजरत हैं और उनकी स्थिति अब भी नाजुक बताई जा रही है। दोनों को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।
यह हादसा उस समय हुआ जब सतेंद्र शर्मा ने अपने घर में रखे गेहूं पर कीटनाशक सल्फास डाला था, ताकि उसमें घुन (कीड़े) न लगें। जब गेहूं पर पानी डाला गया, तो उसमें से जहरीली गैस निकलने लगी। गैस इतनी घातक थी कि पहले वैभव ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और छाया ने रिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान अपनी जान गंवाई।
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बदबू आने पर देखा पूरा परिवार बेहोश था
सोमवार दोपहर को मकान मालिक श्रीकृष्ण ने जब अपने घर में घुसकर देखा, तो पूरे घर में बदबू फैली हुई थी। वह तुरंत अंदर गया और पाया कि किरायेदार सत्येंद्र शर्मा (51), उनकी पत्नी रजनी, बेटी क्षमा (13) और बेटा वैभव (4 साल) बेहोश पड़े हुए थे। यह दृश्य देखकर उसने पड़ोसियों की मदद से सभी को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन अस्पताल में पहुंचने पर वैभव को मृत घोषित कर दिया गया।
होश आने पर परिवार के बारे में पूछती क्षमा
अस्पताल में भर्ती क्षमा शर्मा की हालत सबसे गंभीर थी। वह बीच-बीच में अपनी आंखें खोलकर माता-पिता और भाई के बारे में पूछती रहती थी। उसकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी। सोमवार देर रात लगभग 1 बजे से उसकी हालत में और गिरावट आई और मंगलवार सुबह 4 बजे उसकी मौत हो गई। सत्येंद्र शर्मा का परिवार ग्वालियर के प्रीतम विहार कॉलोनी में किराए के मकान में रहता था, और सत्येंद्र एक फैक्टरी में काम करते थे।
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मन्नत के बाद हुआ था वैभव का जन्म
रिश्तेदारों के अनुसार, सत्येंद्र शर्मा के लिए वैभव का जन्म एक मन्नत का परिणाम था। पांच बेटियों के बाद कई मंदिरों में मन्नत मांगी गई थी, तभी 46 साल की उम्र में उन्हें बेटा हुआ था। इससे पहले सत्येंद्र की दो बेटियों की बचपन में ही मौत हो गई थी। उनके परिवार में उनकी सबसे छोटी बेटी क्षमा उनके साथ रहती थी। इस दुखद घटना ने उनके परिवार को गहरा आघात पहुंचाया है।
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पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
ग्वालियर पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। एएसपी सुमन गुर्जर ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। इस मामले की सही वजह जानने के लिए पुलिस ने घटना स्थल से कीटनाशक सल्फास के कंटेनर और गेहूं के नमूने भी एकत्रित किए हैं।
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