BHOPAL. लोकसभा चुनाव 2024 ( Lok sabha election 2024 ) की घोषणा से पहले मोहन यादव कैबिनेट की अहम बैठक आज मंत्रालय में हुई। सीएम डॉक्टर मोहन यादव (Mohan Yadav ) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा की गई। बैठक में अयोध्या के तर्ज पर मध्य प्रदेश के चित्रकूट का विकास किए जाने का फैसला हुआ। इसके लिए चित्रकूट विकास प्राधिकरण ( Chitrakoot Development Authority ) का गठन किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के चार प्रमुख धर्मस्थलों पर रोपवे बनाएं जाएंगे। इसमें उज्जैन रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर ( Mahakal Temple ) तक का रोपवे भी शामिल है।
कोई योजना नहीं होगी बंद-सीएम मोहन
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य शासन द्वारा कोई भी योजना बंद नहीं की गई है। राजस्व और पूंजीगत व्यय की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए राज्य शासन के पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध हैं। सीएम ने मंत्रियों से कहा कि सभी मंत्री अपने विभाग की समीक्षा करें और समय सीमा में काम कराएं, उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार की वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी है।
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प्रदेश में शुरू होगी पीएम श्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा
सीएम ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को सुविधाजनक बनाने और प्रोत्साहित करने के लिए हवाई सेवा आरंभ की जा रही है। प्रारंभिक रूप से इंदौर को केंद्र बनाते हुए उज्जैन तथा ओंकारेश्वर के लिए हवाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दोनों हवाई सेवाओं का नाम प्रधानमंत्री के नाम पर रखते हुए पीएम श्री रखा गया है। इससे धार्मिक पर्यटन बढ़ने के साथ-साथ बड़े शहरों से कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। कैबिनेट बैठक में पीएमश्री पर्यटन वायुसेवा, पीएम श्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा भी शुरू करने पर फैसला हुआ।
चित्रकूट विकास प्राधिकरण बनेगा
अयोध्या में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा होने के बाद अब चित्रकूट में भी लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है। इसलिए सीएम ने तय किया है कि चित्रकूट के विकास के लिए विकास प्राधिकरण बनेगा। इसके लिए पदों का सृजन किया जाएगा। इसके लिए शुरुआत में कलेक्टर को 20 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इस प्राधिकरण के माध्यम से नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में काम किए जाएंगे।
कर्मचारियों के डीए पर नहीं हुई कोई चर्चा
इस बैठक में कर्मचारियों के पेंडिंग आठ प्रतिशत महंगाई भत्ते पर कोई चर्चा नहीं की गई। मंत्री विजयवर्गीय से इस मामले में चर्चा किए जाने पर उन्होंने कहा कि इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है क्योंकि यह एजेंडे में ही नहीं था। आपको बताते चलें कि एमपी के कर्मचारियों के नौ माह से महंगाई भत्ता नहीं मिला है। ऐसे में उनको मिलने वाला एरियर भी अटका है और भत्ते के रूप में मिलने वाली हर माह की राशि भी नहीं मिल पा रही है। इसलिए कर्मचारी वर्ग आक्रोशित है और 15 मार्च को प्रदेश भर में ज्ञापन देने की रणनीति कर्मचारी संगठनों ने बनाई है।