इंदौर बना देश का पहला एआई बेस्ड डिजिटल डॉक्यूमेंट शहर, 1 करोड़ दस्तावेज हो रहे स्कैन

इंदौर नगर निगम ने 1 करोड़ दस्तावेजों का एआई आधारित डिजिटलीकरण शुरू कर देश में अग्रणी पहल की है। अभी तक 19 लाख फाइलें स्कैन हो चुकी हैं। इससे नागरिकों को जन्म, मृत्यु, विवाह प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज अब ऑनलाइन एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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राहुल दवे@INDORE.

देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में पहचान बनाने के बाद अब इंदौर स्मार्ट डॉक्यूमेंट सिटी बनने की ओर बढ़ रहा है। नगर निगम इंदौर ने प्रशासनिक पारदर्शिता और नागरिक सुविधा को बढ़ाने के लिए अपने 1 करोड़ से अधिक दस्तावेजों का एआई बेस्ड डिजिटलीकरण शुरू किया है।

इंदौर नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने परियोजना स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि अब तक 19 लाख दस्तावेज एआई बेस्ड स्कैनिंग होकर सुरक्षित किए जा चुके हैं। इसको लेकर इंदौर डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन और रिकॉर्ड-कीपिंग के क्षेत्र में देश का अग्रणी शहर बना रहे हैं।

एक क्लिक पर मिलेंगे जरूरी दस्तावेज...

महापौर भार्गव ने बताया कि नगर निगम के पास नागरिकों से जुड़े जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण, भवन अनुमति, संपत्ति रिकॉर्ड, कॉलोनी सेल डीड और अन्य शासकीय फाइलें हैं।

इन सभी का डिजिटलीकरण होने के बाद नागरिकों को अब किसी भी दस्तावेज के लिए नगर निगम के चक्कर नहीं लगाने होंगे। डिजिटल स्कैनिंग के बाद लोग बिना आवेदन के एक क्लिक में अपने दस्तावेज डाउनलोड कर सकेंगे।

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एआई तकनीक से होगा डेटा की पहचान और वर्गीकरण

यह परियोजना पूरी तरह एआई (Artificial Intelligence) आधारित स्कैनिंग सिस्टम पर काम कर रही है। प्रत्येक दस्तावेज को स्कैन कर सॉफ्टवेयर उसकी कैटेगरी, तारीख और विभाग के आधार पर वर्गीकृत कर रहा है।इससे भविष्य में किसी भी दस्तावेज की खोज केवल सेकंडों में संभव होगी।

डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप बड़ा कदम

महापौर ने बताया कि यह प्रोजेक्ट नगर निगम इंदौर का स्व-वित्त पोषित प्रोजेक्ट है, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर एक विशेषज्ञ एजेंसी को नियुक्त किया गया है। यह कार्य भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार के डिजिटल गवर्नेंस मिशन के अनुरूप किया जा रहा है। देशभर में डिजिटल ऑफिस की अवधारणा शुरू हो चुकी है।

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पुराने प्रोजेक्ट और फाइलें भी हो रही डिजिटल

महापौर ने बताया कि निगम के विभिन्न विभागों की पुरानी प्रोजेक्ट फाइलें, टेंडर दस्तावेज और प्रशासनिक रिकॉर्ड भी स्कैन किए जा रहे हैं।इससे भविष्य में किसी भी विभागीय कार्य में कागजी देरी खत्म होगी और डेटा ट्रांसफर व ऑडिट प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।

भविष्य की दिशा- डिजिटल ऑफिस से स्मार्ट गवर्नेंस तक

स्मार्ट गवर्नेंस इंदौर नगर निगम का यह कदम केवल रिकॉर्ड डिजिटलीकरण नहीं, बल्कि ई-गवर्नेंस की दिशा में बड़ा परिवर्तन है। नगर निगम अब उन कुछ चुनिंदा नगरपालिकाओं में शामिल हो गया है जो संपूर्ण दस्तावेज प्रणाली को डिजिटल स्वरूप में रूपांतरित कर रही हैं।

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