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इंदौर में लव जिहाद और हिंदू युवतियों के शोषण के आरोपितों को आर्थिक सहायता देने के आरोपी पार्षद अनवर कादरी उर्फ अनवर डकैत को पुलिस ने जम्मू से गिरफ्तार कर लिया है। उसके साथ एक महिला भी पकड़ में आई है। पहले उसके नेपाल भागने की खबरें सामने आई थीं, लेकिन वह दिल्ली में बेटी के पकड़े जाने के बाद जम्मू भाग गया था।
बेटी की सूचना पर मारा छापा
पुलिस ने आरोपी अनवर कादरी की बेटी को सोमवार को ही हिरासत में ले लिया था। उसके बाद उससे कादरी के संबंध में लगातार पूछताछ चल रही थी। सूत्रों के मुताबिक बेटी आयशा ने ही अनवर कादरी के जम्मू में होने के बारे में पुलिस को बताया था। उसके बाद जम्मू में दबिश दी गई और उसे पकड़ लिया गया। बताते हैं कि उसके साथ पकड़ी गई एक महिला संभवत: उसकी दूसरी पत्नी है।
बैंक खाते खंगालकर लोकेशन ट्रेस कर रही थी पुलिस
पुलिस मोबाइल और बैंक खातों के जरिए उसकी गतिविधियों का पता लगाने में जुटी है। इस मामले में संगठित अपराध की गहराई को देखते हुए मंगलवार को पुलिस ने संगठित अपराध अधिनियम की धारा 111 जोड़ दी है। साथ ही सिक्किम, दिल्ली व महाराष्ट्र के तीन संदिग्ध सहयोगियों की पहचान की है।
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बेटी आयशा ने फरारी में की मदद, अब पुलिस रिमांड पर
बाणगंगा और सदर बाजार थाना पुलिस को अनवर की लंबे समय से तलाश है। सोमवार को दिल्ली में पढ़ाई कर रही उसकी बेटी आयशा कादरी को गिरफ्तार किया गया, जो फरार अनवर को आश्रय और संसाधन मुहैया करा रही थी। पुलिस जांच में सामने आया कि आयशा ने चोरी की सिम कार्ड का उपयोग किया और अपने पिता के लिए गाड़ियों और टिकट की बुकिंग भी की। एसीपी रुबिना मिजवानी के मुताबिक, आयशा से पूछताछ के बाद कई और नाम सामने आए हैं, जिन्होंने अनवर को फरारी में मदद की। इसके चलते केस में संगठित अपराध की धारा जोड़ी गई है।
नेपाल में छिपे होने की सूचना, दूसरी पत्नी भी साथ
पुलिस सूत्रों का दावा है कि अनवर दूसरी पत्नी फरहाना को साथ लेकर नेपाल भाग गया है। उसकी लोकेशन नेपाल में मिलने के बाद अब इंदौर पुलिस वहां भी सुराग जुटा रही है। साथ ही, अनवर की पहली पत्नी जुलेखा भी फरार बताई जा रही है।
सिंडिकेट पर शिकंजा
जांच में यह भी सामने आया है कि अनवर का नेटवर्क केवल अपराधियों तक सीमित नहीं, बल्कि उसमें व्हाइट कॉलर और प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि करीब 20 आपराधिक प्रकरणों में नामजद अनवर का पूरा सिंडिकेट शहर में सक्रिय है। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए संगठित अपराध अधिनियम का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, पुलिस ने अनवर की संपत्तियों और अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पीएफआई और सिमी से जुड़ाव का संदेह
अनवर कादरी के खिलाफ देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप पहले भी लग चुके हैं। कुछ समय पहले उसे एक पुराने मामले में जमानत मिली थी। लव जिहाद के केस में आरोपी साहिल शेख और अल्ताफ ने पूछताछ में अनवर का नाम लिया था। पुलिस को अनवर के PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और सिमी से संबंध होने की शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं, जिनकी गंभीरता से जांच की जा रही है।
गुंडागर्दी से राजनीति तक का सफर
वार्ड-58 से पार्षद बना अनवर कादरी एक समय ऑटो चालक था। उसके खिलाफ पहला केस 1997 में संयोगितागंज थाना में दर्ज हुआ था। इसके बाद वह अपराध की दुनिया में गहराता गया। प्राणघातक हमला, अवैध हथियार, लूट और धमकाने जैसे मामलों में उसका नाम दर्ज होता रहा। धीरे-धीरे उसने राजनीति में एंट्री ली और एक मंत्री की सहायता से कांग्रेस में शामिल हो गया। वह तीन बार कांग्रेस पार्षद रह चुका है। उसके दो भाई असलम उर्फ आलू कादरी और आरिफ कादरी भी गंभीर आपराधिक मामलों में नामजद हैं।