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इंदौर की जर्जर और गड्ढों वाली सड़कों को लेकर बवाल मचा हुआ है। इसे लेकर पूरा शहर हलाकान है और निगम परिषद सम्मेलन में भी इसे लेकर हंगामा हुआ। इंदौर कांग्रेस लगातार प्रदर्शन कर रही है। अब इस मामले में ईओडब्ल्यू इंदौर की एंट्री हुई है। एजेंसी को हुई शिकायत के बाद इसे जांच के लिए लिया है। पूर्व पार्षद दिलीप कौशल की शिकायत में निगम के अपर आयुक्तों के साथ ही विविध इंजीनियर और अन्य अधिकारियों को भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार बताया गया है।
इनकी शिकायत पर यह लिया केस
पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने इस मामले में शिकायत की थी। अब पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इंदौर द्वारा दी गई सूचना अनुसार पूर्व पार्षद कौशल की शिकायत पर संगठन द्वारा शिकायत क्रमांक 433 / 2025 पंजीबद्ध होकर जांच की जा रही है।
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पेंचवर्क के लिए 3 करोड़ भी दे दिए, सड़क उखड़ी
शिकायत में है कि वर्षाकाल खत्म होने को है लेकिन नगर निगम इंदौर द्वारा शहर की विभिन्न मुख्य सड़कों तथा कालोनियों की सड़कों के गड्डे नहीं भरे गए हैं। डामर पेंचवर्क के नाम पर नगर निगम ने इस वर्ष जनवरी माह में टेंडर जारी किए थे, कुल 05 टेंडरों पर करोड़ों रुपए का पेंचवर्क इंदौर की सड़कों को सुधारने के लिए करना था।
मार्च में नगर निगम ने 5 पैकेजों के तहत लगभग 3 करोड़ रुपए का भुगतान किया था, जो सड़कों पर पेंचवर्क के नाम पर किया गया था। लेकिन, ये पेंचवर्क सिर्फ 5 दिनों में ही उखड़ गया, और वो भी वर्षाकाल से पहले। इसके कारण कई एक्सीडेंट हुए, जिनमें कुछ मौतें भी हुईं। नगर निगम के अफसर गड्डों में चुरी भरने का खोखला दावा करते रहे और गड्डे भरने के नाम पर करोड़ों का भुगतान मंजूर किया गया।
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निगम के इन अधिकारियों के खिलाफ हुई है शिकायत
कौशल ने दस्तावेज सहित शिकायत आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ EOW को की। शिकायत में अपर-आयुक्त देवधर दरवाई, अपर-आयुक्त अभय राजनगावकर, सेवानिवृत अधीक्षण-यंत्री डीआर लोधी, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री असित खरे, सहायक यंत्री राजपूत, उपयंत्री उद्देश्य तिवारी, तत्कालीन कार्यालय अधीक्षक प्रशांत दिघे, मेसर्स एप्रोन टेस्ट लैब्स प्रा.लि, ठेकेदार राजेंद्र कुमार मंत्री फर्म- मेसर्स राजेंद्र कुमार कल्याणमल मंत्री सहित नगर निगम के 22 झोन पर पदस्थ कार्य प्रमाणित करने वाले यंत्रियों को जिम्मेदार बताया था। इनकी जांच हो रही है।