इंदौर में दोषी पुलिसकर्मियों का डिमोशन, बनाया टीआई को एसआई और एसआई को आरक्षक

इंदौर में पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने विभागीय जांच में दोषी पाए गए टीआई अजय वर्मा को सब इंस्पेक्टर और एसआई धीरज शर्मा को पांच साल के लिए कांस्टेबल पद पर डिमोट किया। यह कार्रवाई 2022 में महिला से ब्लैकमेलिंग के आरोप में हुई थी।

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Jitendra Shrivastava
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टीआई अजय वर्मा Photograph: (The Sootr)

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राहुल दवे@INDORE.

दोषी पुलिसकर्मियों का डिमोशन: इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने विभागीय जांच में प्रभारी टीआई और सब इंस्पेक्टर को दोषी पाया है। इसके चलते एमआईजी थाने के तात्कालिक थाना प्रभारी टीआई अजय वर्मा और सब इंस्पेक्टर धीरज शर्मा पर बड़ी कार्रवाई की है।

जांच रिपोर्ट के आधार पर टीआई अजय वर्मा को दो साल के लिए सब इंस्पेक्टर (एसआई) और एसआई धीरज शर्मा को पांच साल के लिए कांस्टेबल पद पर पदावनत कर दिया गया है।

20 लाख रुपए की डील का आरोप

मार्च 2022 में एमआईजी थाने में एक महिला ने रवि अग्रवाल नामक व्यक्ति पर रेप का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उस समय थाना प्रभारी अजय वर्मा और एएसआई धीरज शर्मा वहां पदस्थ थे।

आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने मामले में केस दर्ज करने की बजाय आरोपी को ब्लैकमेल कर 20 लाख रुपए में सेटलमेंट किया। बताया गया कि यह पूरा लेनदेन आरक्षक गोविंद द्विवेदी की मध्यस्थता से हुआ था। 

जानिए क्या था मामला? 

नीमच के एक अनाज व्यापारी रवि अग्रवाल ने हनीट्रैप में फंसाकर रुपए वसूलने के आरोप लगाए थे। रवि को प्रिया चौहान नाम की युवती ने फंसाया और अवैध तरीके से हिरासत में रखा। इसके बाद, सिपाही गोविंद और प्रिया के भाई साहिल ने मिलकर रवि से करीब 20 लाख रुपए की वसूली की थी। इस घटना की शिकायत मिलने के बाद, तत्कालीन पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने परदेशीपुरा के तत्कालीन एसीपी भूपेंद्रसिंह से मामले की जांच करवाई। जब जांच में गोविंद के खिलाफ आरोप सही पाए गए, तो उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

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पहले हुई थी लाइन अटैच कार्रवाई

घटना के बाद पीड़िता ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी। जांच के शुरुआती चरण में आरक्षक गोविंद द्विवेदी पर कार्रवाई हुई थी और टीआई अजय वर्मा  को लाइन अटैच कर दिया गया था। साथ ही दोनों पर विभागीय जांच भी शुरू की गई थी, जो अब पूरी हो चुकी है।

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कमिश्नर ने दी सख्त सजा

जांच रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर तक पहुंचने के बाद कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने दोष सिद्ध होने पर तत्काल प्रभाव से यह दंडात्मक कार्रवाई लागू करने के आदेश जारी किए हैं।

  • टीआई अजय वर्मा: दो साल के लिए सब इंस्पेक्टर
  • एएसआई धीरज शर्मा: पांच साल के लिए कांस्टेबल

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पहले भी हो चुकी है बड़ी कार्रवाई

यह पहला मौका नहीं है जब इंदौर पुलिस आयुक्त ने कार्रवाई की हो। इससे पहले विजय नगर थाने के टीआई रवींद्र गुर्जर को भी ऑनलाइन सट्टा प्रकरण में दोषी पाए जाने पर डिमोट कर एसआई बना दिया गया था।

इस मामले में एसआई संजय धुर्वे और एक आरक्षक की भी वेतनवृद्धि रोकी गई थी। विजय नगर थाने का यह मामला उस वक्त चर्चा में आया था, जब थाना स्टाफ ने कुछ स्कूली बच्चों पर ऑनलाइन सट्टा खेलने के आरोप में कार्रवाई करते हुए उनके परिजनों से रिश्वत ली थी।

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पुलिस महकमे में हलचल

लगातार सामने आ रही विभागीय जांचों और डिमोशन की कार्रवाइयों से पुलिस महकमे में चर्चाओं का दौर जारी है। कमिश्नर ने साफ संदेश दिया है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या ब्लैकमेलिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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