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Photograph: (the sootr)
INDORE. इंदौर रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने दो बड़ी मुहिम शुरू की है। इसमें पहली यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी हुई है। इसके तहत रेलवे परिसर के हर ऑटो का सत्यपान होगा और इसमें क्यूआर कोड लगेगा। इसमें ऑटो की पूरी जानकारी होगी। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन की पटरियों पर और बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिए पटरी की पाठशाला शुरू हो रही है।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऐसे चलेगी योजना
पुलिस अधीक्षक रेल पद्म विलोचन शुक्ल ने इन योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए जीआरपी इंदौर 'हमारी सवारी, भरोसे वाली' अभियान शुरू करने जा रही है। स्टेशन परिसर से चलने वाले सभी ऑटो पर QR CODE होंगे। इसे स्कैन कर यात्री ड्राइवर की पूरी जानकारी अपने पास रख सकेंगे। इससे ड्राइवर की पहचान और विश्वसनीयता को लेकर आश्वस्त हो सकेंगे।
यह पहल विशेषकर महिला एवं लड़कियों को सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें रेलवे स्टेशन से चलने वाले सभी ऑटो चालक की पहचान के लिए क्यूआर कोड बनवाए जा रहे हैं।
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परिसर के सभी ऑटो का होगा सत्यापन
एसपी शुक्ल ने बताया कि इसमें परिसर सहित आसपास संचालित ऑटो चालकों का सत्यापन एवं पंजीकरण किया जाएगा। उनका पूरा विवरण (नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, फोटो, पुलिस सत्यापन स्थिति आदि) को ऑनलाइन डेटाबेस से जोड़ा जा रहा है।
प्रत्येक सत्यापित ऑटो पर विशेष क्यूआर कोड(QR CODE) स्टिकर व नंबर लगाया जाएगा। इसे स्कैन कर यात्री यह जान सकेंगे कि जिस ऑटो से वह सफर कर रहे हैं, उसका ड्राइवर कौन है। यही नहीं, संदिग्ध गतिविधि या शिकायत या सामान छूट जाने पर इसी क्यूआर कोड से ऑटो चालक की तत्काल पहचान हो पाएगी। यह कदम स्मार्ट पुलिसिंग और डिजिटल सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा परिवर्तनकारी प्रयास होगा।
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इस तरह चलेंगी पटरी की पाठशाला
पुलिस अधीक्षक रेल, पद्म विलोचन शुक्ल ने बताया कि जीआरपी इंदौर “पटरी की पाठशाला” अभियान भी शुरू कर रही है। इस अभियान में रेलवे स्टेशन,पटरियों के आसपास की बस्तियों, कॉलोनियों एवं रेलवे स्टेशनों के आसपास काम करने वाले मजदूरों को जागरुक किया जाएगा।
इसका उद्देश्य रेल सुरक्षा, महिला सुरक्षा, साइबर जागरूकता को आदत में लाना है। साथ ही नैतिक शिक्षा एवं नशामुक्त जीवन का संदेश देना है। इससे स्थानीय बच्चों में नैतिक शिक्षा,अनुशासन और समाज एवं राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित होगा।
गुड टच-बैड टच की भी देंगे जानकारी
अभियान में बच्चों के लिए रेल सुरक्षा कक्षाएं, कहानी, पोस्टर व खेल के माध्यम से शिक्षा देना, गुड टच-बैड टच की जानकारी देंगे। रेलवे स्टेशन और उसके आसपास भिक्षावृत्ति,व्यावसायिक गतिविधियों में लगे व लावारिस घूमने वाले बच्चों की पहचान की जाएगी। पहचान के बाद इन्हें संरक्षण, शिक्षा और पुनर्वास की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा।
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झाबुआ में रहकर चला चुके 3डी मुहिम
आईपीएस पद्म विलोचन शुक्ल इसके पूर्व झाबुआ एसपी थे। इस दौरान उनका 3D अभियान काफी सफल रहा। इसे आदिवासी समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों दहेज, दारू और डीजे को लेकर चलाया गया था।
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