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इंदौर में सोमवार शाम सात से साढ़े सात के बीच नो एंट्री में ट्रक घुसने के भयावह हादसे में तीन की मौत हुई और दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल हुए। इस पूरे हादसे में हत्यारे ट्रक ड्राइवर जहां मुख्य आरोपी है लेकिन इसमें खाकी के साथ ही सफेद वर्दी वाली ट्रैफिक पुलिस पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। बेशर्मी यह है कि इसमें वरिष्ठ अधिकारी अपने साथियों को बचाने के लिए भरसक जुटे रहे। लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी की बंद कमरे में लू उतार दी। इस मामले में चीफ जस्टिस ने खुद संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह इंदौर से पूछा है कि नो एंट्री में ट्रक घुसा कैसे और हादसा कैसे हुआ, 23 सितंबर को जवाब दीजिए।
कलेक्ट्रेट के बंद कमरे में यह हुआ
मंगलवार को सीएम डॉ. मोहन यादव इंदौर पहुंचे और पहले घायलों से मिले। इससे पहले एसीएस गृह शिवशेखर शुक्ला ( IAS officer Shiv Shekhar Shukla) इंदौर आ गए थे और उन्होंने अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया। सीएम ने उनसे जानकारी ली। इसके बाद वह कलेक्ट्रेट में पहुंचे और सबसे पहले कलेक्टर चेंबर में बिना जनप्रतिनिधियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
अधिकारी चाहते थे मामला छोटे में निपट जाए
बैठक के दौरान सीएम ने अधिकारियों से इस घटना की जानकारी ली और सख्त लहजे में पूछा कि इसके लिए कौन है लापरवाह। इस दौरान अधिकारी मौके के ड्यूटी कांस्टेबल, सूबेदार इनकी लापरवाही बताकर मामले को ठंडा करने में जुटे रहे। इस पर सीएम ने लू उतार दी और सख्त लहजे में कहा कि एसीएस ने इस मामले में प्रारंभिक जांच की है, पीक आवर्स में ड्राइवर नशे में इतनी दूर से आ रहा है और रास्ते में कोई भी उसे रोकने वाला नहीं मिला। क्या वायरलेस पर भी कोई जानकारी किसी ने नहीं दी। क्या कंट्रोल रूम से कोई नजर नहीं रखी जाती है और वरिष्ठ मॉनीटरिंग नहीं करते हैं।
इन सवालों से अधिकारियों के पसीने छूट गए और सीएम ने मौके पर ही जिम्मेदार और ड्यूटी अधिकारियों की लिस्ट बनवाई और सीधे अपने स्तर पर कार्रवाई के आदेश दे दिए। इसके बाद किसी के पास कोई रास्ता नहीं बचा। बाद में सीएम बाहर आए और फिर सभाकक्ष में जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
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बैरिकेड लगाकर रोकते तो कई बच जाते
इस पूरे मामले में एसीएस शुक्ला द्वारा की गई प्रारंभिक जांच काफी अहम है। वह सीएम के निर्देश पर जब मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचे तो इस मामले में पुलिस की पूरी लापरवाही की कलई खुल गई। एसीएस से इस दौरान अधिकारियों ने बचाव करते हुए कहा कि जवानों ने ट्रक को रोकने की बहुत कोशिश की, उन्होंने जान जोखिम में डाले, सिपाही पंकज यादव के वीडियो और जानकारी दी। रामचंद्र नगर चौराहे पर ट्रक ने बैरिकेड तोड़ दिए। एसीएस ने इस मामले में खुद पंकज यादव से ही बात कर ली और अधिकारियों की भूमिका पूछ ली। वहीं एसीएस ने ड्यूटी चार्ट मांग लिया तो पोल खुल गई। यह भी पूछा गया कि ट्रक टी चौराहा, बिजासन चौराहा, कालानी नगर चौराहा, रामचंद्र नगर चौराहा होते हुए गणपति चौराहे तक कैसे पहुंच गया। इन सभी जगह तो पुलिस रहती है, इतने चौराहे रहते हैं, कोई घटना होती है तो वायरलेस सेट पर मैसेज दिए जाते हैं और अलर्ट कर रोका जाता है, लेकिन यहां तो ऐसा कुछ भी नहीं दिखा, यानी ड्यूटी पर कोई था ही नहीं। यदि एक चौराहे पर एक्सीडेंट के बाद नाकाबंदी, बैरिकेडिंग की जाती तो कई लोगों को घटना में घायल होने से बचाया जा सकता था और मौत भी रोकी जा सकती थी। इस पर सभी की पोल खुल गई। इस दौरान एसीएस के दौरे में डीसीपी कृष्ण लालचंदानी, ए़डिशनल डीसीपी दीशेष अग्रवाल, एसीपी सुदेश सिंह और विवेक चौहान और एरोड्रम टीआई तरुण भाटी मौजूद थे।
ड्राइवर पर गैर इरादतन हत्या का केस
एरोड्रम पुलिस ने इस मामले में ड्राइवर गुलशेर खान (उम्र 50 साल) निवासी खलघाट जिला धार पर गैर इरादतन हत्या की धारा 105, 110 और मोटर व्हीकल एक्ट 185 के तहत केस दर्ज किया है। ड्राइवर के साथ ही क्लीनर शंकर भी था, जो ट्रक द्वारा पहली कार को टक्कर मारने के बाद ही कूदकर भाग गया था, इसे पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। गुलशेर के शरीर में भारी एल्कोहल निकली है जो आठ-दस लोग पी सकते थे।
ड्राइवर ने साले से बुलाई शराब और चालया ट्रक
इंदौर हादसा: इस मामले में पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि ड्राइवर वापी गुजरात से गत्ते और कागज के रोल लेकर आ रहा था, राऊ में आधा माल उतारा, फिर उसे पोलोग्राइंड इंडस्ट्रियल एरिया इंदौर जाना था। शाम को दिलीप नगर चौराहा स्थित वाइन शॉप पर क्लीनर शंकर के साले से शराब बुलवाई और फिर दोनों ने ट्रक में पीना शुरू कर दिया और ट्रक आगे बढ़ा दिया। सुपर कॉरिडोर से जाना था लेकिन शंकर ने भरे बाजार बड़ा गणपति से होकर पोलोग्राउंड जाने के लिए कहा। इसके बाद गुलशेर ने ट्रक घुमा दिया। आगे जाकर शिक्षक नगर शनिधाम चौराहे पर ट्रक ने कार को टक्कर मार दी, इससे शंकर कूदकर भाग गया। लेकिन बेहद नशे में गुलशेर ने ट्रक आगे चलाना जारी रखा और एक के बाद एक वाहन चालकों, राहगीरों को रौंदते हुए आगे बढ़ता चला गया।
डीसीपी तिवारी के साथ इन पर कार्रवाई
सीएम ने डीसीपी अरविंद तिवारी (ट्रैफिक) को हटाने के आदेश दिए हैं। साथ ही एसीपी ट्रैफिक सुदेश सिंह, टीआई ट्रैफिक दीपक यादव, सूबेदार चंद्रेश मरावी, एएसआई प्रेम सिंह के साथ ही ड्यूटी पर तैनात चार कांस्टेबल निलंबित के भी आदेश दिए हैं।
इन्हें किया दिया इनाम
वहीं इस घटना में जान पर खेलने वाले सिपाही पंकज यादव और रिक्शा चालक अनिल कोठारी को अच्छा काम करने के लिए पुरस्कृत करने के भी निर्देश दिए गए। वहीं एसीएस और विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे।