INDORE. एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत 30 मई को पहली बार सामने आया सबसे ज्यादा पौधे लगाने का विचार हकीकत बन चुका है। असम का रिकार्ड ( करीब सवा नौ लाख का) तोड़कर अब 24 घंटे में (13 से 14 जुलाई) सबसे ज्यादा पौधे लगाने का रिकार्ड मप्र इंदौर ने बनाया है। करीब 12 लाख पौधे एक दिन में लगाए गए हैं। इस अभियान के लिए खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इंदौर में थे और उन्होंने अपने हाथों से मां के नाम का पौधा लगाया।
44.50 डिग्री तापमान से आया विचार
23 मई को इस बार इंदौर में रिकार्ड गर्मी हुई और तापमान 44.50 डिग्री पहुंच गया। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने 30 मई को प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा करते हुए कहा कि एक दिन में 51 लाख पौधे लगाए जाएंगे, ताकि इंदौर की धरती फिर गर्म नहीं हो। हालांकि बाद में इसे एक महीने की प्रक्रिया किया गया, ताकि जल्दबाजी में काम नहीं बिगड़े लेकिन एक दिन में सर्वाधिक पौधे का रिकार्ड 11 लाख का रेवती रेंज में लगाने का लक्ष्य तय हुआ। इंदौर में जून माह से शुरु हुए अभियान में 51 लाख से ज्यादा पौधे लगाए जा रहे हैं. यह अभियान सतत जारी है।
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इनकी प्रेरणा से आया यह विचार
विजयवर्गीय ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि उन्हें यह प्रेरणा भगवान हनुमान जी से मिली। एक बार पितृ पर्वत पर घूम रहा था, तब उनकी मूर्ति देखकर विचार आया कि जैसे यहां पर हजारों पौधे लगे हैं, वैसा पूरे इंदौर में भी कर सकते हें। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान एक पेड़ मां के नाम पर ही इसे इंदौर में 51 लाख पौधे पर लाने का लक्ष्य रखा गया। यह भी एक साल नहीं बल्कि पांच साल तक यह अभियान चलेगा, जो अभी इंदौर में हरियाली कम है, उसे बढ़ाकर इसमें भी इंदौर को नंबर वन किया जा सके।
सीएम ने आगे बढ़कर प्रोजेक्ट को सराहा और मदद दी
सीएम डॉ. मोहन यादव ने पूरे मप्र में 5.50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा। इसके लिए खुलकर मदद की. उन्होंने इंदौर को इसके लिए 20 करोड़ रुपए राशि देने की घोषणा की। सभी शासकीय एजेंसी और अधिकारी इस काम में जुट गए।
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साउथ से आए लाखों पौधे, सभी को दी जिम्मेदारी
इस काम के लिए मंत्री विजयवर्गीय के साथ पूरी तरह से महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कमान संभाली। दोनों ने लगातार हर समाज, संगठन को इसमें साथ लेकर पूरे शहर और जिले को जोड़ लिया। पौधे लगने के साथ ही सहेजे भी जाएं, इसके लिए भी सभी की जिम्मेदारी अभी से तय कर दी गई है, ताकि केवल नाममात्र दिखावे के लिए पौधे नहीं लगें। यह पौधे कहां से आएंगे यह भी बड़ा सवाल था, इसके लिए दूसरे जिलों की नर्सरी के साथ ही विशेषकर साउथ से खास पौधों को बुलाया गया। इन पौधों को मंत्रोच्चार के साथ रोपा गया है। पूरे अभियान में मंत्री विजयवर्गीय के साथ पूरे एमआईसी सदस्य, विधायक गण, पूर्व विधायक गण व नेता जुटे रहे और सभी को अलग-अलग जिम्मदारी देते हुए प्लानिंग के साथ इस प्रोजेक्ट को आगे बढाया गया।
बीच में ताई-भाई विवाद भी आया
इस दौरान पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन यानी ताई की चिट्ठी ने भी हलचल मचाई। उन्होंने महापौर के नाम पत्र लिखकर नसीहत दी, लक्ष्य बहुत बडा है, सफलता का आडिट भी होना चाहिए। इस बात का जवाब भाई यानी कैलाश विजयवर्गीय ने स्पीकर ओम बिरला की उपस्थिति में हुआ आयोजन में मंच से दिया और कहा कि कुछ लोग सवाल उठाते हैं लेकिन हमने हर पौधे की रक्षा का भी प्लान तैयार किया है, अगले साल पौधारोपण के पहले सभी पौधों की गिनती भी होगी। सभी पौधे लगाने वाले जिम्मेदारी भी निभाएंगे।
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