नर्सिंग कॉलेज घोटाले के बाद अब प्रदेश में निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में मान्यता और संचालन के नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आया है। अभिभावक उपभोक्ता संरक्षण मंच और नागरिक उपभोक्ता मंच ने जबलपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में यह बड़ा खुलासा किया है। मंच के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया कि राज्य के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) से संबंधित कई निजी इंजीनियरिंग कॉलेज फर्जी तरीके से मान्यता प्राप्त कर रहे हैं और नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
मनमाने तरीके से दी गई मान्यता
एआईसीटीई नियमों के अनुसार किसी कॉलेज के संचालन में फैकल्टी का होना सबसे आवश्यक होता है। कॉलेज इन नियमों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। कुछ कॉलेज में फैकल्टी के नाम दर्ज तो है, लेकिन वे वहां काम ही नहीं करते है। साथ ही कुछ फैकल्टी विदेशों में रहने लगी हैं और कुछ का तो निधन भी हो चुका है। कुछ कॉलेजों में प्लेग्राउंड के साथ लाइब्रेरी भी नहीं है। इतनी सारी अनियमितताओं के होने के बाद भी RGPV पर फर्जी तरीके से इन कॉलेजों को मान्यता देने का आरोप लगाया गया है।
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अनियमितताओं पर ज्ञान गंगा इंस्टीट्यूट के कॉलेज का दिया हवाला
प्रफुल्ल सक्सेना और राकेश चक्रवर्ती ने बताया कि जबलपुर स्थित ज्ञानगंगा ग्रुप के जीजीआईटीएस और जीजीसीटी कॉलेजों द्वारा फर्जी फैकल्टी की सूची जारी की गई है। एआईसीटीई के नियमानुसार यहां 325 फैकल्टी होने चाहिए, जबकि वास्तविकता में कॉलेज में इतनी संख्या में शिक्षक नहीं हैं।
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RGPV पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
संघ के सदस्यों ने आरोप लगाया कि आरजीपीवी से लगातार इस मामले को लेकर शिकायत की जा रही थी, लेकिन आरजीपीवी द्वारा इसके उलट निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को नियमों को अनदेखा करते हुए मान्यता दी गई है। इसमें भ्रष्टाचार की होने संभावना जताई जा रही है। इस मामले में भी नर्सिंग कॉलेज घोटाले की तरह इंजीनियरिंग कॉलेजों की भी सीबीआई जांच होनी चाहिए।
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हाईकोर्ट में दायर याचिका पर होगी सुनवाई
संघ के सदस्यों ने बताया कि शिकायतों के बावजूद शासन और आरजीपीवी द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसके कारण यह मामला अब उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है। संघ ने इस मामले में जनहित याचिका दाखिल की है, जिसकी जल्द सुनवाई की उम्मीद है। यह घोटाला उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। इस मामले में उचित वैधानिक जांच के साथ न्यायालय से कार्यवाही करने की मांग करी गई है।