ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चार दिन में ही पलटा महानआर्यमन का फैसला, जानें क्या है पूरा मामला

मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष महानआर्यमन सिंधिया के निर्णय को चार दिनों में खारिज कर दिया गया। यह फैसला MPPL गवर्निंग बॉडी में दो नई नियुक्तियों से जुड़ा था। राजनीति की फिसलन भरी सड़क पर इसे ज्योतिरादित्य के सहारे के रूप में भी देखा जा रहा है…

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Jitendra Shrivastava
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Mahanaryamans decision

Photograph: (THESOOTR)

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BHOPAL. पलटा महानआर्यमन का फैसला : मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ( MPCA ) के अध्यक्ष महानआर्यमन सिंधिया ने जो फैसला लिया था, उसे केवल चार दिनों में खारिज कर दिया गया। यह मामला एमपीपीएल गवर्निंग बॉडी में दो नई नियुक्तियों से जुड़ा है। 

इन नियुक्तियों पर सवाल उठे तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के हस्तक्षेप के बाद दोनों नियुक्तियों को खारिज कर, नए सदस्य नियुक्त किए गए हैं। सिंधिया के इस मूव को बेटे की मदद के रूप में भी देखा जा रहा है।

चर्चा है कि राजनीति में बड़ी लॉन्चिंग से पहले ही युवराज कोई फाउल प्ले न कर बैठें। ऐसे में हर कदम फूंक- फूंककर रखना ही ठीक रणनीति होती है। 

जानिए, ऐसे हुई विवाद की शुरुआत

हाल ही में मध्यप्रदेश प्रीमियर लीग की गवर्निंग बॉडी में दो नियुक्तियां की गई थीं। इन नियुक्तियों में रिपुदमन तोमर और धीरज पाराशर के नाम सामने आए थे। जैसे ही इन नियुक्तियों की जानकारी मिली, सवाल उठने लगे कि इन दोनों का क्रिकेट में क्या योगदान है?

दरअसल रिपुदमन तोमर के पिता मध्यप्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर हैं। प्रद्युम्न सिंह तोमर को भी एमपीएल गवर्निंग बॉडी में नियुक्त किया गया था। 

RIPUDAMAN

वहीं धीरज पाराशर को सिंधिया के स्टाफर के परिवार का बताया जा रहा है। धीरज पाराशर पहाड़गढ़ मुरैना क्षेत्र से हैं। खैर, इन नियुक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। खासकर वंशवाद और राजनीतिक साजिश के आरोपों का सामना करना पड़ा। 

DHEERAJ PARASHAR

जल्द ही खबर ग्वालियर से दिल्ली तक फैल गई। यह आरोप था कि ये दोनों नियुक्तियां क्रिकेट के बजाय राजनीतिक समीकरणों पर आधारित थीं। 

4 प्वाइंट में समझें क्या है पूरा मामला...

Mahanaryamans decision (2)

👉 मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने MPL गवर्निंग बॉडी में दो नए नाम नियुक्त किए थे।

👉 इनमें रिपुदमन तोमर और धीरज पाराशर का नाम था, जिनकी नियुक्ति पर सवाल उठ गए।

👉 दोनों नियुक्तियां विवादों में घिरीं, क्योंकि वे जीडीसीए के ही सदस्य नहीं थे।

👉 मामला बढ़ने पर, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इन नियुक्तियों को खारिज करवा दिया।

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संग्राम सिंह करम और विजय प्रकाश शर्मा को जिम्मेदारी

फिर, अचानक ही 28 अक्टूबर को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के युवा नेताओं संग्राम सिंह करम और विजय प्रकाश शर्मा को नई नियुक्ति दी गई। जीडीसीए सचिव संजय आहूजा के दस्तखत से यह आदेश जारी किया गया है।  इस तरह महाआर्यमन सिंधिया के इन फैसलों को चार दिन में खारिज कर दिया।

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हां नई नियुक्तियां की गई हैं

रिपुदमन तोमर और धीरज पाराशर के नाम पर आपत्तियां थीं। ये लोग ग्वालियर डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन (GDCA) यानी Gwalior Division Cricket Association के सदस्य नहीं हैं। हालांकि, दोनों ही क्रिकेट के लिए समर्पित युवा हैं। भविष्य में दोनों युवाओं का सहयोग लिया जाएगा। 
-अजय आहूजा, सचिव, जीडीसीए।

FAQ

महानआर्यमन को लेकर क्या विवाद है?
मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) के अध्यक्ष महानआर्यमन सिंधिया ने दो नई नियुक्तियां की थीं। इन नियुक्तियों पर सवाल उठने के बाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया के हस्तक्षेप के बाद इन्हें केवल चार दिनों में खारिज कर दिया गया।



 

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