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Kapil Mishra related to MP Photograph: (thesootr)
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Kapil Mishra related to MP Photograph: (thesootr)
NEW DELHI. दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। 27 साल बाद बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत हासिल करते हुए 70 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी (AAP) को इस चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ा। आप सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस इस बार भी अपना खाता नहीं खोल सकी।
दिल्ली की जीत में मध्यप्रदेश कनेक्शन भी अहम रहा है। नई दिल्ली सीट से बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को हराया है। प्रवेश वर्मा की ससुराल मध्यप्रदेश के धार में है। उनका विवाह पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की बेटी स्वाती से हुआ है। प्रवेश की सास नीना वर्मा धार से बीजेपी विधायक हैं। प्रवेश खुद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं।
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आम आदमी पार्टी की हार के बाद दूसरा प्रमुख नाम कपिल मिश्रा का उभरता है। वे दिल्ली की करावल नगर सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए हैं। कपिल पहले आम आदमी पार्टी में थे। 2015 में वे आप के टिकट पर करावल नगर सीट से चुनाव लड़कर विधायक और फिर मंत्री बने थे। 2017 में आप सरकार ने उन्हें जल मंत्री के पद से बर्खास्त किया था। कपिल ने अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। फिर उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था।
वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ला लिखते हैं कि कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल की नीतियों के खिलाफ मुखर होकर आम आदमी पार्टी के पतन का मार्ग प्रशस्त किया। कपिल का मध्यप्रदेश से गहरा नाता है। उनके पिता रामेश्वर मिश्रा 'पंकज' बड़े साहित्यकार और विचारक रहे हैं, जबकि उनकी मां अन्नपूर्णा देवी दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की डिप्टी मेयर भी रह चुकी हैं। रामेश्वर मिश्र पंकज का मूल मध्यप्रदेश के रीवा जिले से है।
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पत्रकार शुक्ला बताते हैं, पुरानी पीढ़ी के रीवा के लोग रामेश्वर मिश्र को अच्छे से जानते हैं। उनका जन्म रीवा जिले के पटेहरा गांव में हुआ था। वे रीवा के मार्तण्ड स्कूल और अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में पढ़े। सत्तर के दशक में रीवा से प्रकाशित 'बांधवीय समाचार' से उन्होंने उप संपादक के रूप में पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद परिस्थितिवश वे दिल्ली चले गए, जहां उनकी प्रतिष्ठा लगातार बढ़ती गई।
कपिल मिश्रा का जन्म 13 नवंबर 1980 को दिल्ली में हुआ। कपिल ने दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज से ग्रेजुएशन किया। 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स के घोटाले के खिलाफ मुखर हुए। उन्होंने इस पर किताब भी लिखी थी। अब जब 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने जा रही है तो कपिल मिश्रा 'सीएम मटेरियल' के तौर पर चर्चाओं में हैं।