/sootr/media/media_files/2025/05/08/U3oVf6FS698PX7ur2m3N.jpg)
pakhi-reverts-to-hinduism Photograph: (thesootr)
मुश्ताक मंसूरी@खंडवा
मध्यप्रदेश के खंडवा में घर वापसी का सिलसिला तेजी से बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में तीन मुस्लिम युवतियों ने हिंदू धर्म को अपनाकर अपने प्रेमियों से विवाह किया है। इन घटनाओं में सबसे ताजातरीन घटना गुरुवार को खंडवा के महादेव गढ़ में हुई, जहां महाराष्ट्र के मलकापुर के एक प्रेमी जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाज से विवाह किया। विवाह की इस परंपरा को समाज में खासा महत्व दिया गया। इसके बाद लड़की ने सनातन धर्म अपनाकर अपना नाम बदलकर पाखी रख लिया।
सुमैया से पाखी बनने की कहानी
यह लड़की सुमैया के नाम से जानी जाती थी, जो अब अपनी मर्जी से पाखी बन चुकी है। सुमैया ने बताया कि उसे बचपन से ही हिंदू धर्म में गहरी रुचि थी। यहां के लोग सच्चे दिल से एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और हर त्योहार को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। सुमैया का कहना है कि उसे बचपन से ही हिंदू धर्म के साथ जुड़ाव महसूस होता था और इसी कारण उसने विकास धाड़े के साथ विवाह करने का निर्णय लिया।
ये खबरें भी पढ़ें...
मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के आदेश जारी
मप्र में कितने शस्त्र लाइसेंस, राज्य सरकार के पास नहीं कोई डाटा
खंडवा में एक सप्ताह में तीसरी घर वापसी
सुमैया की यह घर वापसी खंडवा में एक सप्ताह में तीसरी घटना थी। इससे पहले खंडवा में दो मुस्लिम लड़कियों ने सनातन धर्म अपनाया और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह रचाया था।
- निषात शेख ने मेघना बनकर कमलजीत सिंह मेहरा से विवाह किया था, और
- अमरीन खान ने अनुष्का बनकर शुभम राजपूत से विवाह किया था।
यह घटनाएं समाज में प्रेम और धर्म परिवर्तन के बीच के अंतर को सामने रखती हैं और यह दर्शाती हैं कि युवा पीढ़ी अपने व्यक्तिगत विश्वासों को लेकर स्वतंत्रता की ओर बढ़ रही है।
ये खबरें भी पढ़ें...
जल्द हो सकता है धर्मांतरित आदिवासियों का डि—लिस्टिंग करने का फैसला
MP क्यों है Indian Army की रीढ़, गोला-बारूद की सप्लाई से लेकर निभाता है ये अहम रोल
समाज में घर वापसी की बढ़ती प्रवृत्ति
इन घटनाओं को लेकर खंडवा में चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ समाजों में इसे धर्म परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है, जबकि कुछ लोग इसे संस्कृति की जागरूकता और समानता की ओर एक कदम मानते हैं। यह घटनाएं यह साबित करती हैं कि प्यार और विश्वास किसी भी सीमा या धर्म से परे होते हैं।
धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं का सम्मान
सुमैया ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की दबाव का सामना नहीं किया। उसका कहना है कि हिंदू धर्म में उसे हमेशा सम्मान और समानता का अनुभव हुआ। यही कारण था कि उसने सनातन अपनाने का निर्णय लिया और अपने जीवनसाथी के साथ हिंदू रीति-रिवाजों के तहत विवाह किया।